Lucknow fire incident : फ्लैट में लगी आग, व्यवसायी और एफएसओ समेत 6 लोग झुलसे, लपटों व धुआं देख मचा हड़कंप : तीन घंटे में पाया काबू

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Published By Vinay Shukla
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Lucknow, Amrit Vichar : कानपुर रोड स्थित किसान पथ के पास पार्थ रिपब्लिक सोसायटी के चौथे तल पर व्यवसायी ओम तिवारी के फ्लैट में गैस पाइप लीकेज से गुरुवार देर शाम आग लग गई। लपटें व धुएं के बीच बेडरूम में सो रहे प्रापर्टी डीलर ओम तिवारी फंस गए। एफएसओ सरोजनीनगर सुमित सिंह समेत चार दमकल कर्मियों ने दरवाजा तोड़कर लपटों के बीच अंदर घुसकर ओम तिवारी को सुरक्षित निकाल लिया। हादसे में ओम तिवारी, एफएसओ और दमकल कर्मी समेत 6 लोग झुलस गए। ओम तिवारी और फायरमैन रंजीत की हालत नाजुक बताई जा रही है।

पार्थ रिपब्लिक सोसाइटी के फ्लैट संख्या 401 में ओम तिवारी, पत्नी स्नेहा और बच्चों के साथ रहते हैं। ओम की पत्नी ने सीएफओ मंगेश कुमार को बताया कि शाम को वह गैस पर दूध उबाल रही थी। इस बीच बच्चा राघव रोने लगा। बच्चे को चुप कराने के लिए अपार्टमेंट के बाहर चली गई। पति बेडरूम में सो रहे थे। इस बीच खिड़कियों से धुआं और लपटें निकलने लगी। भाग कर ऊपर पहुंची तो फ्लैट का दरवाजा नहीं खुला। फ्लैट के अंदर लपटें निकल रही थी पूरा धुआं भरा हुआ था।

लखनऊ अग्निकांड (1)

इस बीच सूचना पर पुलिस और सरोजनीनगर एफएसओ सुमित सिंह, फायरमैन रंजीत, प्रमोद, ड्राइवर बृजेश और अन्य कर्मी चौथे तल पर पहुंचे। आग की विकरालता देखते हुए टीम दो भागों में बट गई। एक टीम हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के जरिये बाहर से आग बुझा रही थी। वहीं, दूसरी टीम अपार्टमेंट के अंदर से राहत कार्य करने लगी। ओम तिवारी की चींख सुनकर एक टीम ऊपर पहुंची। दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे। अंदर लपटों से घिरे व्यवसायी ओम तिवारी पर कंबल डालकर आग पर काबू पाया। जबकि सीएफओ मंगेश कुमार अपार्टमेंट के बाहर से ड्राइवर ओमकार नाथ और अन्य कर्मियों की मदद से हाइड्रोलिक प्लेटफार्म से रेस्क्यू शुरू कराया।

रेस्क्यू के दौरान एफएसओ सुमित, फायर मैन रंजीत, प्रमोद, ड्राइवर ब्रजेश और सुशील कुमार भी झुलस गए। सीएफओ ने सभी को प्रसाद अस्पताल भेजा। जहां ओम तिवारी और फायर मैन रंजीत की हालत नाजुक देख भर्ती कर लिया। अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी। वहीं, सीएफओ और अन्य दमकल कर्मी ब्रीदिंग ऑपरेटस सेट लगाकर पहले तल पर पहुंचे। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

निकाले लीकेज समेत तीन सिलेंडर, हादसा टला
अग्निकांड के दौरान दो सिलेंडर बेडरूम में रखे थे, जहां ओम तिवारी सो रहे थे। तीसरा किचन में लगा सिलेंडर का पाइप लीकेज था। सीएफओ मंगेश कुमार ने सिलेंडर बाहर निकलवाए। अगर आग की तपिश से कहीं सिलेंडर फटते तो हादसा बड़ा होता। अपार्टमेंट में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम थे।

इंफेक्शन से बचाने को चादर उढ़ा कर ओम को उतारा

आग से झुलसने के कारण ओम तिवारी की खाल तक कई जगह से उधड़ गई थी। फफोले पड़ने लगे थे। यह देख दमकल कर्मियों ने इंफेक्शन से उन्हें चादर उढ़ा कर सुरक्षित तरीके से नीचे उतारकर अस्पताल भेजा।

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