कानपुर में NTC की अरबों की जमीन बेचने के लिए ड्रोन सर्वे...शहर में प्राइम लोकेशन पर 250 एकड़, इस परियोजना में लगेगा धन 

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Published By Nitesh Mishra
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सरकार के भूमि मुद्रीकरण की तरफ कदम बढ़ाने के कयास

कानपुर, (महेश शर्मा)। प्रदेश में एनटीसी की 11 मिलों की 376 एकड़ जमीन का लेखाजोखा भारत सरकार के 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी एनएलएमसी (राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम) ने तैयार कर लिया है। एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कांस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) जमीनों के ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट केंद्र को भेज चुका है। 

माना जा रहा है कि एनटीसी की अरबों रुपये की निष्प्रयोज्य जमीन निजी क्षेत्र को बेचकर मिलने वाला धन विकास परियोजनाओं में लगाया जाएगा। इसे भूमि मुद्रीकरण (लैंड मोनेटाइजेशन) की दिशा में केंद्र सरकार का बड़ा कदम बताया जा रहा है।

प्रदेश में एनटीसी होल्डिंग कम्पनी की सहायक कंपनी एनटीसी (यूपी) लिमिटेड की 11 मिलें संचालित थीं। इनमें पांच (न्यू विक्टोरिया मिल्म, म्योर मिल्स, स्वदेशी कॉटन मिल्स, अथर्टन मिल्स और लक्ष्मीरतन कॉटन मिल्स) कानपुर में हैं जिनकी करीब 250 एकड़ जमीन शहर के बीच है। 

बाकी 126 एकड़ जमीन श्रीविक्रम कॉटन मिल्स लखनऊ, लॉर्ड कृष्णा टेक्सटाइल मिल्स सहारनपुर, बिजली कॉटन मिल्स हाथरस, स्वदेशी कॉटन मिल्स नैनी, स्वदेशी कॉटन मिल्स मऊ, रायबरेली टेक्सटाइल मिल्स रायबरेली की है। एनटीसी की जमीन केंद्र के अधिकार क्षेत्र में हैं। मिलों को रुग्ण होने पर केंद्र सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था।  

केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एनटीसी (नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन) कंपनी गठित करके देश में उसकी नौ सहायक कंपनियां बनायी थीं, जिसमें एक एनटीसी (यूपी) लिमिटेड थी। इसका मुख्यालय कानपुर के सिविल लाइंस में है, जिसे सिलवर्टन कहा जाता है। इन सहायक कंपनियों में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पद पर आईएएस की नियुक्ति होती थी। एलटीसी (यूपी) के पहले चेयरमैन पीसी जैन फिर शिरोमणि शर्मा थे। उनके बाद टेक्नोक्रेट नियुक्त किए जाने लगे। 

जानकारी के मुताबिक स्वदेशी कॉटन मिल्स की अधिकतर जमीन फ्री-होल्ड है, बाकी 999 वर्ष की लीज पर है। स्वदेशी ग्रुप ऑफ मिल्स जैपुरिया औद्योगिक घराने की थी। सन 1974 से 78 के बीच कानपुर की सभी मिलों का अधिग्रहण केंद्र ने कर लिया था।  

हाल ही में कपड़ा मंत्रालय के सचिव ने उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह को लिखे पत्र में एनटीसी की जमीनों को कब्जा आदि से बचाने को लिखा है। एनटीसी प्रापर्टी का नोडल अफसर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को बनाया गया है।  

फ्री-होल्ड कराने पर लगाई गई थी रोक 

एनटीसी के विधिक सलाहकार एसएन सिंह कहते हैं कि नजूल भूमि नजूल की ही बने रहने के लिए सरकार ने दि टेक्सटाइल अंडरटेकिंग (नेशनलाइजेशन) लॉज एमेंडमेंट वेलीडेशन एक्ट 2014 के तहत एनटीसी की जमीनों को फ्री-होल्ड कराने पर रोक लगा दी गयी थी। राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम संपत्तियों की नीलामी के लिए रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसमें केंद्र के स्वामित्व वाली निष्प्रयोज्य भूमि का पूर्ण उपयोग और मुद्रीकरण करना है।

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