Kanpur: एकीकृत पेंशन योजना के खिलाफ यूनियनें लामबंद, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ बेंगलुरू सम्मेलन में बनाएगी रणनीति
विशेष संवाददाता, कानपुर। एक अप्रैल से लागू होने वाली यूपीएस (एकीकृत पेंशन योजना) के विरुद्ध केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का विरोध मुखर होने लगा है। भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार पर हल्ला बोलने के लिए बेंगलुरू में मई माह में भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ का सम्मेलन बुलाया है। एटक (आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने दो मार्च को कानपुर मजदूर सभा ग्वालटोली में होने वाले सम्मेलन में इस पेंशन योजना को विशेष चर्चा को एजेंडे में रखा है। सीटू और इंटक पहले ही यूपीएस के विरोध में हैं।
भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश सिंह ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम और एकीकृत पेंशन स्कीम एक तरफ कुंआ तो दूसरी तरफ खाई जैसी हैं। मजदूर संघ ओल्ड पेंशन स्कीम को गोल्ड मानती है। बेंगलुरू में यूपीएस के विरोध की रणनीति तय की जाएगी। मुकेश के अनुसार ओल्ड पेंशन गैर अंशदायी और सुनिश्चित पेंशन योजना थी। ऐसे में मई माह में राष्ट्रीय सम्मेलन में यूपीएस पर गहन विचार विमर्श के बाद आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
उधर, एटक के जिला सचिव असित कुमार सिंह ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना के विपरीत यूपीएस में कर्मचारी को अपने वेतन का दस फीसदी योजना के कोष में देने की अनिवार्यता होगी। यह मौजूदा एनपीएस के विस्तार के अलावा और कुछ नहीं है। गैरअंशदायी पुरानी पेंशन योजना को वापस बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रहेगी। एटक सम्मेलन में यह मुद्दा एजेंडे में शामिल है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने यूपीएस को सरकारी कर्मचारियों से धोखा बताया है। हिंद मजदूर सभा की जिला सचिव मीनाक्षी सिंह का कहना है कि सर्वाधिक मुफीद ओल्ड पेंशन स्कीम है जिसे लागू किए जाने पर कर्मचारियों को फायदा होगा।
