Barabanki News : बैंकिंग नियमों की भेंट चढ़ी वृद्धा, बैंक में ही तोड़ा दम

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

Barabanki, Amrit Vichaar :  बैंकिंग प्रक्रिया की जटिलता और संवेदनहीनता के चलते एक बुजुर्ग महिला की जान चली गई। बीमार वृद्धा अपनी विधवा पेंशन के पैसे निकालने के लिए एक सप्ताह से प्रयासरत थी पर बैंक नहीं पसीजा। साथ गया गवाह भी काम नहीं आया, आखिरकार बैंक परिसर में ही वृद्धा ने दम तोड़ दिया। 

जानकारी के अनुसार कोतवाली हैदरगढ़ क्षेत्र के ग्राम भैरमपुर मजरे भिखरा गांव निवासी स्वर्गीय चंदर लोधी की पत्नी फूल कुमारी का बैंक ऑफ इंडिया की हैदरगढ़ शाखा में खाता था। उनकी देवरानी उर्मिला, जो पिछले कई दिनों से इलाज के लिए पैसे निकालने का प्रयास कर रही थी, हर बार किसी न किसी दस्तावेजी बाधा के कारण निराश लौटा दी गईं। इस बार वह गवाह के साथ पहुंचीं, फिर भी बैंक ने पैसे जारी नहीं किए। मंगलवार की सुबह 10 बजे से बैंक के बाहर ठेलिया पर लेटी बीमार महिला को घंटों इंतजार कराया गया।

दोपहर एक बजे के आसपास, रुपये मिलते ही ईलाज की उम्मीद में बैठी फूल कुमारी ने आखिरी सांस ले ली। कोई हलचल न होने पर परिजन वृद्धा को लेकर सीएचसी गए जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोतवाली हैदरगढ़ के प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बैंक प्रशासन का जवाब
शाखा प्रबंधक रॉबिन चतुर्वेदी ने बताया कि बैंक के नियमों के कारण महिला के खाते से पैसे नहीं निकाले जा सके, दो अधिकारियों को उसके पास भेजा गया पर कोई जवाब नहीं मिला क्योंकि वह कुछ बोलने में असमर्थ थीं। इसलिए रुपया नहीं निकल सका। 

संवेदनहीनता पर उठे सवाल
मंगलवार की घटना बैंकिंग नियमों पर सवालिया निशान खड़े कर गई। बैंकिंग नियम जरूरी हो सकते हैं, लेकिन क्या मानवीय संवेदनाएं इनसे परे होनी चाहिए। यह घटना प्रशासन और बैंकिंग प्रणाली के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करती है अगर समय रहते इलाज के लिए पैसे मिल जाते, तो शायद फूल कुमारी की जान बच सकती थी।

पेपर खराब हुआ तो दांव पर लगा दी जान

परीक्षा में सफल होने का दबाव इस कदर भारी पड़ रहा कि हर विषय में अच्छे नंबर लाना परीक्षार्थी के लिए कम चुनौती नहीं। बेतहाशा दबाव झेल रही इंटर की छात्रा ने जीव विज्ञान का पेपर अच्छा न होने पर फांसी लगाकर जान दे दी। घर में मातम मचा हुआ है।

जानकारी के अनुसार यह घटना सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम उधौली में सोमवार की देर रात हुई। उधौली के रहने वाले स्व. जगतपाल वर्मा की पुत्री 17 वर्षीय शीलू सोमवार को इंटरमीडिएट का जीव विज्ञान विषय का पेपर देने कालेज गई थी। वहां से घर लौटने के बाद वह गुमसुम देखी गई। रात को भोजन करने के बाद वह अपने कमरे में सोने की बात कहकर चली गई। मंगलवार की सुबह शालू कमरे से बाहर नहीं आई। परिजनों ने कमरा खोल कर देखा तो शालू साड़ी से बने फंदे से लटकती मिली।

यह दृश्य देखकर घर में रोना पिटना मच गया। उधर सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताया जा रहा कि मृतका परीक्षा में खराब प्रदर्शन से काफी परेशान थी, जिससे आहत होकर उसने यह कदम उठा लिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों को परीक्षा के तनाव से उबारने का दायित्व अभिभावकों पर है, वहीं परीक्षार्थियों को परिजनों का भावनात्मक सहारा बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

यह भी पढ़ें- होम्योपैथी के मेधावी छात्र और चिकित्सक सम्मानित : मुख्य अतिथि विधायक डॉ. नीरज बोरा ने किया सम्मान

 

संबंधित समाचार