जरायम की कमाई पर खाकी की नजर, सलाखों में होगा एक-एक तस्कर

Amrit Vichar Network
Published By Pawan Singh Kunwar
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हल्द्वानी, अमृत विचार। जमाने लद गए, जब जरायम की कमाई से महल खड़े होते थे। क्योंकि अपराधी और अपराध की काली कमाई पर पुलिस की नजर है। पुलिस के रडार पर नशा तस्कर और गैंगेस्टर हैं। ऐसे अपराधियों को पुलिस ने सूचीबद्ध कर लिया है। बनभूलपुरा के एक बड़े नशा तस्कर सिद्दीकी गैंग को पुलिस न सिर्फ सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है, बल्कि सरगना की संपत्ति पर अपना ताला भी जड़ चुकी है। पुलिस ने जिले में ऐसे डेढ़ दर्जन से ज्यादा अपराधियों को चिह्नित किया है। इन सभी को सलाखों के पीछे पहुंचाने और उनकी संपत्ति कुर्क करने का खाका खींचा जा चुका है। 


बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्टेट पुलिस को एक टास्क दिया है, जिसे ड्रग्स फ्री देवभूमि-2025 नाम दिया गया है। नैनीताल पुलिस इस मिशन पर तेजी से काम कर रही है। जिसके तहत बनभूलपुरा के सिद्दीकी गैंग के सरगना गफूर बस्ती बनभूलपुरा निवासी अमन सिद्दीकी को पहले ही जेल भेज चुकी थी। अमन चरस, स्मैक और नशीले इंजेक्शन का तस्कर है। नशा बेचकर अमन ने लाखों रुपए के वारे-न्यारे किए, लेकिन जेल जाने के बाद वह गैंग चलाता रहा। इस गैंग में शुएब, शुएब की पत्नी साजिया, शराफत और आसिफ हैं। इन पर गैंगेस्टर लगाने के बाद पुलिस ने इनमें से एक को छोड़ अन्य सभी को इसी माह जेल भेज चुकी है। 
       

जिले में ड्रग्स फ्री देवभूमि की शुरुआत बनभूलपुरा से हो चुकी है। जिले में सबसे पहली कार्रवाई गांधीनगर निवासी नशा तस्कर रंजना सोनकर से की गई है। बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी रंजना की काली कमाई को सील करा चुका हैं। रंजना के बाद दूसरी कार्रवाई बनभूलपुरा पुलिस ने सिद्दीकी गैंग पर की। अमन सिद्दीकी गैंग के साथ जिला पुलिस ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा गैंगेस्टर और अपराधियों को चिह्नित किया है। इन सभी ने अपराध किया और मोटा माल कमाया। सभी की कुंडली पिछले 10 साल के आपराधिक इतिहास को देख कर तैयार कर ली गई है। सामने आया है कि ये वो अपराधी हैं, जो कभी पाई-पाई को मोहताज थे और आज लग्जरी जिंदगी जी रहे हैं। 


स्मैक के मार्केट पर छाया नशीले इंजेक्शन का कारोबार
कुमाऊ में मैदान से लेकर पहाड़ तक स्मैक की खूब डिमांड है। एक हजार रुपए से अधिक में बिकने वाली स्मैक की एक-एक ग्राम की पुड़िया बेचने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ी। गनीमत सिर्फ इतनी है कि पुलिस के रिकॉर्ड में अभी तक ऐसा नाम नहीं आया, जो बल्क में स्मैक का धंधा कर रहा हो। पुलिस ने स्मैक के कारोबार, तस्कर और पैडलर के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। जिसका नतीजा यह रहा कि कुमाऊ में स्मैक की आमद कम हो गई, लेकिन इस मार्केट पर नशीले इंजेक्शन ने कब्जा कर लिया। अब पुलिस के लिए यह सिरदर्द बना हुआ है।  

रडार पर रिश्तेदार, जांच कर रहे हैं कई विभाग

तमाम मामलों में सामने आया है कि अपराधियों ने काली कमाई से जोड़ी संपत्ति अपने नाम करने के बजाय अपने करीबियों और रिश्तेदारों के नाम पर जोड़ी है, लेकिन ये लोग भी बच नहीं पाएंगे। पुलिस ने प्रशासन, इनकम टैक्स, रजिस्ट्रार और संभागीय परिवहन विभाग जैसे विभागों के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाया है। यह सभी विभाग अपराधियों, अपराधियों के रिश्तेदार और करीबियों की संपत्ति खंगाल रही है। इन सभी की कमाई का सोर्स चेक किया जा रहा है। यदि संपत्ति कमाई से अधिक मिलती है सील कर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। 


नशा बेचने वाले हर व्यक्ति को जेल भेजना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। इन्हें जेल भेजने के साथ ही इनकी संपत्ति भी खंगाली जा रही है। ऐसी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्राथमिक स्टेज पर हमारे पर ऐसे कई नाम हैं, जिनके खिलाफ आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब सिर्फ नशा नहीं पकड़ी रही, बल्कि जहां से नशा आ रहा है वहां भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। - प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी

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