शाहजहांपुर : खाद्य सुरक्षा विभाग का सघन चेकिंग अभियान, पांच दुकानों पर छापा...भरे 10 नमूने
होली को देखते हुए महानगर में चलाया जा रहा है सघन चेकिंग अभियान
शाहजहांपुर, अमृत विचार। त्योहार पर मिलावटखोरी रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने महानगर में पांच टीमें उतारी हैं। सोमवार को अधिकारियों ने पांच दुकानों पर छापे मारकर मावा, पनीर, रसगुल्ला, नमकीन और गुझिया के दस नमूने भरे। किचन का निरीक्षण कर अधिकारियों ने स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने को कहा।
बीते साल खाद्य सुरक्षा विभाग ने होली के समय अभियान चलाकर मिठाई और मावे के लगभग सौ नमूने भरे थे। इसके अलावा काफी मात्रा में मावा नष्ट कराया गया था। बाद में जब नमूनों की रिपोर्ट आई तो तमाम मिठाई व मावा में मिलावट पाई गई। जिसके चलते इस बार होली से पहले पांच टीमें अभियान चलाकर मिलावटखोरी रोकने के लिए प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में सोमवार को मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी बागीश मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। जिसमें खाद्य टीम ने गायत्री मिष्ठान भंडार तिलक मार्केट से 2 मावा के नमूने, शक्ति मिष्ठान भंडार प्रकाश मार्केट कटिया टोला से एक पनीर का नमूना, स्कंद स्वीट्स, बहादुरगंज से एक छेना रसगुल्ला व एक मावा का नमूना, राकेश जनरल स्टोर से 2 नमकीन (पीके ब्रांड) के नमूने और बालाजी फास्ट फूड एंड स्वीट्स सदर बाजार से एक मावा, एक गुझिया की सामग्री और एक छेना मिठाई का नमूना भरा गया। टीम ने कुल 10 नमूने भरे हैं, जिनको जांच को लखनऊ लैब भेजा गया है। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल प्रताप सिंह, मनोज कुमार, सौरभ सोनी, अजीत सिंह आदि रहे।
ऐसे बनाते हैं मिलावटी मावा
खाद्य सुरक्षा विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि शकरकंदी, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदा का इस्तेमाल कर नकली या मिलावटी मावा बनाया जाता है। नकली मावा बनाने में स्टार्च, आयोडीन और आलू इसलिए मिलाया जाता है ताकि मावे का वजन बढ़े। वजन बढ़ाने के लिए मावा में आटा भी मिलाया जाता है। नकली मावा असली मावा की तरह दिखे, इसके लिए कुछ केमिकल भी मिलाए जाते हैं। कुछ लोग मिल्क पाउडर से वनस्पति घी बनाकर नकली मावा तैयार करते हैं। खोआ के व्यापार में कुछ इस तरह का खेल होता। जिसे बेहद कम लागत में तैयार किया जाता है।
ऐसे की जा सकती है पहचान
मावा का सैंपल लेकर इसे टिकिया का आकार दें और इसमें आयोडीन टिंचर की दो बूंदें डाल दें। पांच मिनट तक इसे यथावत रहने दें। थोड़ी देर में आयोडीन टिंचर के प्रभाव से मावा काला पड़ने लगेगा। अगर मावा काला पड़ जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें मिलावट है। अगर आयोडीन टिंचर का रंग केसरिया ही बना रहता है तो मावा में किसी तरह की मिलावट नहीं है। मावा की शुद्धता की जांच करने का यह सबसे आसान तरीका होता है। अगर मावा में मैदा मिली है तो वह आयोडीन टिंचर से काला पड़ जाएगा।
होली पर जिले में किसी तरह से मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए हमारी टीमें लगातार शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर छापामारी कर रही हैं। -चंद्रशेखर मिश्र, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा।
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