बरेली: टैक्स वसूली के लक्ष्य के बावजूद हाउस टैक्स में गड़बड़ी, नगर आयुक्त की चेतावनी

बरेली, अमृत विचार: वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने में एक तरफ शासन नगर निगम के अधिकारियों को हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए चेतावनी पर चेतावनी दे रहा है, दूसरी तरफ टैक्स विभाग में बिलों की आईडी बदलकर बड़े बकायादारों को लाखों का फायदा पहुंचाने के साथ अपनी जेबें भरने के मामले सामने आने लगे हैं। इसके बाद नगर आयुक्त ने टैक्स विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी की है।
हाउस टैक्स के बिलों में गोलमाल जीआईएस सर्वे के बाद से ही शुरू हो गए थे मगर अब वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में इस खेल ने जोर पकड़ लिया है। इसमें बड़े करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए बगैर उनकी पुरानी आईडी ही खत्म कर दी जा रही है। अब तक ऐसे तीन बड़े मामले में नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य की जानकारी में आए हैं जो एक दुकान, फैक्ट्री और शॉपिंग मॉल के बिलों में हेराफेरी कर लाखों की धनराशि कम करने के हैं। इन मामलों में कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ टैक्स विभाग के ही एक अधिकारी पर गोलमाल करने का शक है।
दिलचस्प यह है कि नगर निगम के टैक्स विभाग में यह खेल उसी वक्त चल रहा है, जब टैक्स वसूली का लक्ष्य पूरा न होने पर अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार भी लटकी हुई है। टैक्स विभाग अभी वसूली का 50 फीसदी ही लक्ष्य पूरा कर पाया है। शासन से लक्ष्य पूरा न होने पर लगातार कार्रवाई की चेतावनी मिल रही है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी का वेतन तक रोका जा चुका है।
लाखों-करोड़ों के थे टैक्स बिल...
इतनी हेराफेरी..! कोई प्रॉपर्टी जोन 4 से जोन 1 में, कोई नगर निगम की सीमा से ही बाहर
जोन- 4 में अनावासीय (दुकान) श्रेणी की प्रॉपर्टी आईडी नंबर 0913704008257702 आईडी पर 13.41 लाख का हाउस टैक्स बकाया था, लेकिन नगर निगम की ओर से इसी आईडी पर नोटिस दिया गया तो उसमें टैक्स की धनराशि घटकर 30,697 रुपये ही रह गई। यही नहीं कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अधिकारी की साठगांठ से इस आईडी को जोन- 4 के बजाय जोन- 1 में होना दिखा दिया गया।
इसी तरह एक फैक्ट्री और एक शापिंग मॉल की आईडी में भी हेराफेरी कर उनके करोड़ों के बिल काफी कम कर दिए गए। इसके अलावा कुछ ऐसे भी मामले बताए जा रहे हैं जिनमें जीआईएस आईडी में रद्दोबदल कर भवनों को नगर निगम की सीमा से बाहर देहात में होना दिखाकर उनका बिल जीरो कर दिया गया है। इसके उलट कई खाली प्लॉटों को दुकान दिखाते हुए बिल जारी किए गए हैं और उन्हें ठीक भी नहीं किया जा रहा है।
बिलों में संशोधन के नाम पर भी गोलमाल
बरेली: नगर निगम में स्वकर फार्म जमा होने के बाद आपत्तियों पर सुनवाई के बाद साफ्टवेयर पर ब्योरा दर्ज करने में भी गोलमाल किया जा रहा है। इसमें संपत्ति का वास्तविक मूल्यांकन कम करके फीड करने के मामले सामने आए हैं। टैक्स के बकाया में भी गड़बड़ की जा रही है। कई साल बाद से टैक्स लगाया जा रहा है, ताकि पुराना बकाया का रिकॉर्ड खत्म किया जा सके।
ये गड़बड़ियां इसलिए भी आसानी से हो रही हैं क्योंकि जीआईएस सर्वे करने वाली एजेंसी ने बड़े पैमाने पर पुराना बकाया काे रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया है। इस वजह से कई बड़े भवनों के पुराने बकाया के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है।
टैक्स विभाग के अधिकारियों के साथ सभी जोन के राजस्व निरीक्षकों और कर्मचारियों को चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं। इसमें साफ किया गया है कि बिना सक्षम स्तर से अनुमोदन कराए कोई टैक्स फाइल कंप्यूटर पर फीड कराई गई तो कंप्यूटर ऑपरेटर समेत दूसरे कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। - संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त
पार्षदों की सुन नहीं रहा टैक्स विभाग
बरेली: भाजपा पार्षद सतीश चंद्र कातिब मम्मा का कहना है कि उन्होंने कई महीने पहले लिखित शिकायत कर चौपुला स्थित एक भवन संशोधित बिल जारी करने को कहा था लेकिन अब तक यह काम नहीं किया गया है। सपा के वरिष्ठ पार्षद राजेश अग्रवाल ने बताया कि जीआईएस सर्वे के बाद अचानक लोगों के पास बकाया के बिल पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा गड़बड़ी जोन- 3 और 4 में हुई है। इस कारण सैकड़ों लोग परेशान हैं।
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