Kanpur: आचार्यों ने मंत्रोच्चार कर दहन कराई होलिका, लगाई परिक्रमा, अबीर-गुलाल लगाकर लोगों ने दी होली की बधाई, गले मिले

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर विधिवत पूजन के साथ होलिका दहन किया गया। होलिका दहन के बाद अग्नि को समर्पित अन्न की बाली, गन्ना लोग घरों में ले गए। वहीं अपने रीतिरिवाज के अनुसार कुछ लोग होलिका की अग्नि घर ले जाकर उसी से चूल्हा जलाया। इसी के बाद बच्चों ने अबीर और गुलाल उड़ाना शुरू कर दिया। रातभर गली-मोहल्लों में डीजे पर युवा जमकर नाचे। 

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गुरुवार रात्रि 11.26 बजे भद्रा करण समाप्त होने पर होलिका दहन शुरू हुआ। जिले में 3544 स्थानों पर लगी होलिका का आचार्यों ने विधि विधान से पूजन कराया। मंत्रोच्चारण के बाद धूप-दीप किया और पुष्प चढ़ाए। इसके बाद होलिका को आग लगाई गई। आचार्योँ के साथ पूजन में शामिल लोगों ने परिक्रमा की। इसके बाद लोगों ने परिजनों के साथ होलिका में चना, मटर, गेहूं, अलसी अपनी मान्यता के अनुसार डाले। सुख-समृद्धि, परिवार के खुशहाली की कामना के साथ होलिका की परिक्रमा लगाई। होलिका दहन का मुहूर्त 11.26 से रात 12.18 मिनट तक रहा, इसी बीच होलिकाओं का पूजन और आग लगाई गई। 

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रंगोली बनाई, कंडों की माला पहनाई 

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होलिका दहन के बाद लोग अपने घरों से लाए गन्ने की पेड़ी और गेहूं की बालियां चढ़ाईं। बचे गेहूं की बालियों अपने घरों को ले गए। लोगों ने होलिका के पास रंगोली भी बनाई। एक दूसरे को होली की बधाई दी और गले मिले। वहीं कुछ लोग अपने घरों से कंडे की माला बनाकर लाए और पूजन के बाद होलिका को माला पहनाई। मान्यता है कि होली पर बालियां चढ़ाने से अन्न में वृद्धि व सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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