डॉक्टर की लापरवाही महीला पर भारीः बर्खास्त डॉक्टर का रिकॉर्ड नहीं दे रहा केजीएमयू का ईएनटी विभाग

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार: केजीएमयू से खदरा के निजी अस्पताल में ले जाकर आशा कार्यकर्ता के गले का ऑपरेशन करने वाले ईएनटी विभाग से बर्खास्त डॉक्टर का रिकार्ड विभाग नहीं दे रहा है। इससे जांच आगे नहीं बढ़ पा रही। शुक्रवार को पति सीएमओ कार्यालय पहुंचकर जांच रिपोर्ट में देरी किए जाने का आरोप लगाया। जांच कमेटी ने एक सप्ताह का और समय मांगा है। जिसके बाद कार्रवाई की संस्तुति कमेटी कर देगी।

लखीमपुर खीरी के महाराज नगर निवासी सुरेंद्र की पत्नी आशा कार्यकर्ता पूनम मौर्य (32) की 9 नवंबर को शताब्दी अस्पताल फेज टू में मौत हो गई थी। सुरेंद्र के मुताबिक पूनम का इलाज 23 सितंबर से ईएनटी विभाग के डॉ. रमेश की देखरेख में हो रहा था। डॉ. रमेश ने खदरा के केडी अस्पताल में 25 अक्टूबर को बुलाकर शाम को भर्ती किया था। बेहोशी देते ही उसकी हालत गई थी। आनन-फानन में उसे शताब्दी अस्पताल में शिफ्ट किया गया जहां उसने डैम तोड़ दिया। पति की शिकायत पर जांच के बाद केजीएमयू ने आरोपी डॉक्टर रमेश को बर्खास्त कर दिया था।

घटना के तीन माह बाद पुलिस ने संचालक को सीएमओ कार्यालय में पेश कराया था। संचालक ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। वहीं, बर्खास्त डॉक्टर का अभी तक सुराग नहीं लगा है। सीएमओ आफिस से ईएनटी विभागाध्यक्ष को पत्र भेजकर डॉक्टर की डिटेल मांगी थी। जो अभी तक नहीं दी गई। बयान दर्ज न होने से जांच आगे नहीं बढ़ी। पति सुरेंद्र ने जांच कमेटी पर जांच में देरी किए जाने का आरोप लगाया है। पति का कहना है जांच रिपोर्ट पूरी न होने से अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है। कमेटी ने पति से हफ्ते भर का समय मांगा है। जिसके बाद रिपोर्ट बनाकर पुलिस व मानवाधिकार आयोग को भेज दिया जाएगा।

यह भी पढ़ेः IPL 2025: लखनऊ में इन चार मेट्रों स्टेशन से खरीदें आईपीएल की टिकट, मिल सकता है खिलाड़ियों से मिलने का मौका, जानें कैसे

संबंधित समाचार