औरैया की 'कातिल' दुल्हन : होली में रची खूनी खेल की साजिश, प्रेमी के साथ मिलकर बनाया पुख्ता प्लान
सनसनीखेज खुलासे के बाद गांव में खामोशी छाई, प्रेमी के घर पर सिर्फ बीमार बूढ़ी मां ही मौजूद
Auraiya Murder Case: मेरठ के सौरभ हत्याकांड की तर्ज हुए दिलीप हत्या कांड के खुलासे के बाद हर कोई स्तब्ध है। प्रगति के गांव सिंहापुर में अजीब सी खामोशी छाई है। इस बीच पता चला है कि शादी के पांच दिन बाद ही प्रगति चौथी की विदाई में मायके आई थी। होली के दौरान प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची थी।
फफूंद थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत दखलीपुर के मजरे सिंहापुर निवासी हरि गोविंद ने अपनी सबसे छोटी बेटी प्रगति की शादी 5 मार्च को मैनपुरी जनपद के भोगांव थाना क्षेत्र के नगला दीपा गांव निवासी क्रेन का कारोबार करने वाले हाइड्रा चालक दिलीप यादव से की थी। शादी दिबियापुर के एक गेस्ट हाउस से हुई थी। शादी के बाद होली का पहला त्योहार होने के कारण 10 मार्च को चौथी की विदाई में प्रगति मायके आ गई थी। मायके आने के बाद ही उसने प्रेमी अनुराग के साथ मिलकर हत्या की पूरी साजिश रची और दिलीप को रास्ते से हटाने के लिए सुपारी किलर की तलाश कराई।
तय प्लान के मुताबिक 19 मार्च को दिलीप यादव पर हमला किया गया, जो सहार थाना क्षेत्र में गंभीर घायल अवस्था में खेत पर पड़ा मिला था। उसे इलाज के लिए सैफई भेजा गया था, जहां दो दिन बाद दिलीप की मौत हो गई थी। पहले तो परिवार वाले मौत को हादसा मान रहे थे, लेकिन इलाज के दौरान सीटी स्कैन में दिलीप के सिर में गोली फंसी होने की बात सामने आने के बाद न सिर्फ डॉक्टर बल्कि परिवार के लोग सन्न रह गए थे। इसी के बाद पुलिस भी सक्रिय होकर घटना के खुलासे में लग गई थी।
सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरों से उठ गया पर्दा
पुलिस ने घटनास्थल की ओर जाने वाली सड़कों और कई जगहों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक किए तो अहम क्लू मिल गया। कैमरे में दिलीप को बाइक पर ले जाने वाले दो युवक दिखाई पड़े। इसके बाद पुलिस ने दो युवकों को पकड़ा, जिसमें एक अनुराग सिंहापुर गांव का था और दूसरा सुपारी किलर निकला। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो अनुराग ने सारा सच उगल दिया और प्रगति यादव से प्रेम संबंध होने की बात स्वीकारी। उसने सुपारी देकर हत्या कराने की बात कबूली।
अनुराग के परिवार वाले गायब, बूढ़ी मां ही मौजूद
पहले अनुराग की गिरफ्तारी और फिर प्रगति को भी उठाए जाने की खबर फैलने के बाद सिंहापुर गांव में सन्नाटा छा गया। गांव में बिल्कुल खामोशी छाई है। ग्रामीण कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। प्रेमी अनुराग के घर से सभी सदस्य फरार हैं। मंगलवार को घर पर सिर्फ उसकी बीमार बूढ़ी मां मौजूद थी। 20 दिन पहले हंसी-खुशी बहन की डोली विदा करने वाले प्रगति के परिवार के लोग स्तब्ध हैं। सनसनीखेज खुलासा होने के बाद प्रगति के बड़े भाई आलोक यादव का कहना है कि जिसने जैसा अपराध किया है, उसे वैसी ही सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की।
कोरोना काल में शुरू हुई थी दोनों की प्रेम कहानी
दोनों के बीच कोरोना काल में प्रेम कहानी शुरू हुई थी। दोनों के प्रेम संबंधों का पता चलने पर परिवार वाले रिश्ता तलाश रहे थे, लेकिन जब कोई बढ़िया रिश्ता नहीं मिला तो परिवार ने बड़ी बेटी के देवर के साथ ही शादी का फैसला कर लिया था और इसी महीने की 5 तारीख को धूमधाम से शादी कर प्रगति को विदा किया था।
बताते हैं कि बड़ी बहन के देवर से रिश्ते की बात शुरू होने के बाद प्रगति शादी के लिए तैयार नहीं थी। वह लगातार विरोध कर रही थी, लेकिन समाज में बदनामी से बचने के लिए परिवार वालों ने दिलीप यादव के साथ शादी कर दी थी। शादी होने के बाद भी प्रगति अनुराग का साथ छोड़ने को तैयार नहीं थी। यही वजह थी कि शादी में विदा होने के बाद भी ससुराल में 5 दिन उसने बड़ी मुश्किल से गुजारे और प्रेमी को पाने की जुगत भिड़ाती रही।
चौथी की विदाई में 10 मार्च को मायके आने के बाद प्रगति साजिश ही रचती रही। खुद और प्रेमी को कानूनी पचड़े से बचाने के लिए उसने अनुराग को सुपारी किलर ढूंढने के काम में लगाया। साजिश को अंजाम देने के लिए अनुराग ने अपने मौसेरे भाई से संपर्क साधा। उसका मौसेरा भाई हिस्ट्रीशीटर है। उसी के माध्यम से अनुराग की मुलाकात अछल्दा के रामजी नागर से हुई। हत्या करने के लिए रामजी नागर ने दो लाख रुपये की डिमांड रखी थी। एडवांस के तौर पर उसे एक लाख रुपये दिए गए थे।
12 मार्च को ही जेल से छूटा था सुपारी किलर
दिलीप की हत्या को अंजाम देने वाला सुपारी किलर रामजी नागर अपराधी है। वह लूट के एक मामले में इटावा जेल में बंद था। 12 मार्च को ही वह जेल से जमानत पर छूटकर बाहर आया था। अनुराग और रामजी की मुलाकात 18 मार्च को हुई थी। उसी दिन हत्या की पुख्ता साजिश रची गई। रामजी नागर के खिलाफ 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
सिर्फ वॉट्सएप कॉल के जरिए होती थी बातचीत
पुलिस अभी भी फरार हत्यारोपियों की तलाश में जुटी है। पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर ने बताया कि आरोपियों ने यह तय किया था कि वह फोन कॉल नहीं करेंगे। सिर्फ वॉट्सएप कॉल के जरिए ही एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। उन्होंने बताया कि फरार हत्यारोपियों की तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई हैं। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
