कानपुर में बोले डॉक्टर- मरीजों का त्वरित और प्रभावी उपचार जरूरी, कार्यशाला में इन बातों पर हुई चर्चा...
कानपुर, अमृत विचार। बाल रोग विशेषज्ञों को इमरजेसी प्रक्रियाओं में दक्ष होना चाहिये। जिससे मरीजों को त्वरित और प्रभावी उपचार मिल सके। यह बातें रविवार को हर्ष नगर कोटल रीजेंटा में आयोजित पीडियाट्रिक्स ऑफिस इमरजेंसी मेडिसिन कार्यशाला में डॉक्टरों ने कही। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान के अंतर्गत हुई कार्यशाला का संचालन बाल रोग अकादमी कानपुर की अध्यक्ष डॉ. रोली श्रीवास्तव और सचिव डॉ. अमितेश यादव ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुनील तनेजा, डॉ. रश्मि कपूर और डॉ. शैलेन्द्र गौतम ने भाग लिया। जिसमें देशभर से प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए।
नोएडा से आए विशेषज्ञ डॉ. अजीत सक्सेना, डॉ. अंकुर चावला और डॉ. विनीत त्यागी ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए, साथ ही चिकित्सकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। डॉ. अजीत सक्सेना ने नेत्र, ईएनटी, ओरल प्रोसीजर्स पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इनका प्रबंधन ओपीडी में ही संभव है। मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम पड़ती है। डॉ. अंकुर चावला ने जनन-मूत्र प्रणाली एवं जठरांत्र प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला।
डॉ. विनीत त्यागी ने घाव प्रबंधन के साथ ही हाथ-पैर की इमरजेंसी प्रक्रियाओं पर लोगों को जानकारी दी। कार्यशाला में डॉ. प्रदीप मट्टू, डॉ. अनुराग भारती, डॉ. योगेश टंडन, डॉ. वीएन त्रिपाठी, डॉ. ओपी पाठक, डॉ. नेहा अग्रवाल, डॉ. अम्बरीश, डॉ. सविता रस्तोगी, डॉ. केके डोकानिया सहित कुल 65 चिकित्सकों ने भाग लिया। इस दौरान ओपीडी में आवश्यक आपातकालीन प्रक्रियाओं पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण भी दिया गया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला को उपयोगी बताया और भविष्य में इस तरह के और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।
