बिजली कर्मचारियों ने किया ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट टीम का विरोध, नियुक्ति में पारदर्शिता न बरते जाने का लगाया आरोप
लखनऊ, अमृत विचार: बिजली कर्मचारियों ने शुक्रवार को लखनऊ, वाराणसी और आगरा में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को नियुक्त ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की टीम के खिलाफ प्रदर्शन किया। कर्मियों ने यह प्रदर्शन कंसलटेंट की टीम द्वारा शक्ति भवन मुख्यालय लखनऊ, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय आगरा में दस्तावेज हासिल करने के लिए सर्वे करने के विरोध में किया गया।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई। इतना ही नहीं कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट हितों के टकराव के प्रावधान को हटाकर कंसल्टेंट की नियुक्ति की गई है।
पदाधिकारियों का तर्क है कि, अब इस कंसल्टेंट के जरिए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन प्रदेश के 42 जिलों का निजीकरण करने करने के लिए इतना उतावला हो गया है कि उसने अवैध ढंग से नियुक्त कंसल्टेंट की टीम को गोपनीय दस्तावेज दिलाने को आगरा और वाराणसी में पुलिस बल का प्रयोग किया। इस दौरान दोनों जिलों में सैकड़ों की तादाद में बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता मुख्यालय पर एकत्र हो गए थे और उन्होंने कंसलटेंट टीम को ऐसे दस्तावेज देने पर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया।
पता चला है कि वाराणसी में रात के अंधेरे में ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की टीम को अंदर प्रवेश करा दिया गया था और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निर्देशक वाणिज्य आर के जैन ने बेशर्मी के साथ गोपनीय दस्तावेज ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की टीम को उपलब्ध कराए जो अपने आप में दंडनीय अपराध है.
ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की टीम को प्रवेश नहीं
संघर्ष समिति का दावा है कि, आगरा में बिजली कर्मियों के प्रदर्शन के चलते ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की टीम प्रवेश नहीं कर पाई। इधर राजधानी लखनऊ में अवैध ढंग से नियुक्त ट्रांजैक्शन कंसलटेंट को शक्ति भवन विस्तार में आठवीं मंजिल पर 814 नंबर कैमरा दिया गया, लेकिन जब बिजली कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो टीम यहां से बाहर चली गई।
9 अप्रैल को लखनऊ में बिजली कर्मियों की रैली
संघर्ष समिति ने प्रदेश के बिजली कर्मचारी,संविदा कर्मियों और अभियंताओं का आह्वान किया है कि वह 9 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में अधिकतम संख्या में पहुंचे। उस दिन को लखनऊ में होने वाली रैली में निर्णायक संघर्ष और आंदोलन के कार्यक्रमों का ऐलान किया जाएगा।
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