कासगंज : जिले में वक्फ बोर्ड के नाम है 498 संपत्तियां, सर्वे के अनुसार 408 संपत्तियां बनी है सरकारी भूमि पर
वक्फ बोर्ड ने सरकारी भूमि पर बनी संपत्तियों पर ठोंका दावा
गुड्डू यादव, अमृत विचार। वक्फ संसोधन विधेयक 2025 संसद में पास होने के बाद पक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं। प्रशासनिक तौर पर जिले में वक्फ बोर्ड के पास कुल 498 संपत्ति दर्ज हैं। इनमें 408 संपत्तियां सरकारी भूमि पर बनी बताई गई है। वक्फ बोर्ड ने सरकारी भूमि पर बनी संपत्तियों पर अपना दावा ठोंका है। पसमांदा मुसलमानों ने वक्फ संसोधन विधेयक का समर्थन किया है। वहीं असराफियां मुसलमानों ने इस संसोधन के विरोध में अपनी राय व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रशासनिक सूत्रों की माने तो वर्तमान में जनपद कासगंज में कुल 898 वक्फ संपत्तियां दर्ज बताई गई हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शालिनी रजंन के अनुसार कासगंज में वक्फ बोर्ड के नाम जितनी भी संपत्ति दर्ज हैं उनमें से 408 वक्फ संपत्ती सरकारी भूमि निर्मित कर बनाई गई हैं। भारत सरकार द्वारा अभी तक किसी प्रकार का आदेश जारी नहीं हुआ है। आदेश जारी होने के बाद और संसोधन विधेयक नोटीफिकेशन जारी होते ही इन विवादित संपत्तियों का नए सिरे से सर्वे कराकर सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएंगी। वहीं वक्फ बोर्ड ने सरकारी भूमि पर बनी संपत्तियों पर भी अपना दावा ठोंका है। वस्तु स्थिति तो नए सिरे से सर्वे होने के बाद ही ज्ञात हो सकेंगी। वक्फ संसोधन विधेयक 2025 लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद जब मुस्लिम समाज से इस संदर्भ में प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, तो सभी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।
मुस्लिम समाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड संसोधन विधेयक 2025 मुस्लिम समाज के हक में बड़ा कदम है। उनका मकसद वक्फ संपत्तियों को सही प्रबंधन पारदर्शिता और जबाब देही बढ़ना है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेंगी, बल्कि इन संपत्तियों से मिलने लाभ पसमांदा मुसलमानों और गरीब मुसलमानों में लगेगा। जिससे उनका आर्थिक विकास होगा। - शमीम अहमद अल्वी, जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल
यह बिल जल्दबाजी में लाया गया है इसमें विपक्ष की कोई राय नहीं ली गई सरकार ने पूरी मनमानी की है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए मूलभूत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह बिल लाया गया है। भाजपा ने देश में वो जहर घोल दिया है धर्म के नाम पर जाति के नाम पर जिसका भुगतान सदियों तक आने बाली युवा पीढ़ी करेगी। - दिव्या शर्मा, कांग्रेस की महिला प्रकोष्ट जिलाध्यक्ष
जिले में वक्फ बोर्ड के नाम कुल 498 संपत्तियां दर्ज है। पूर्व में हुए सर्वे के अनुसार इनमें से 408 वक्फ संपत्तियां सरकारी भूमि पर बनी हुई हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड ने इन 408 संपत्तियों पर भी अपना दावा ठोंका है। लोकसभा में विधेयक पास होने के बाद अभी कुछ विधिक कार्रवाईयां पूर्ण होनी शेष हैं। कार्रवाई पूर्ण होने के बाद जो भी सरकारी आदेश आएगा। उसके अनुसार कार्रवाई की जाएंगी। - शालिनी रंजन, जिला अल्पसंख्य अधिकारी
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