10 अप्रैल का इतिहास: आज ही के दिन स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी आर्य समाज की स्थापना

10 अप्रैल : अपनी पहली और अंतिम यात्रा पर निकला टाइटैनिक जहाज

10 अप्रैल का इतिहास: आज ही के दिन स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी आर्य समाज की स्थापना

नई दिल्ली। ‘‘कभी न डूब सकने वाले’’ पोत के रूप में प्रचारित किए गए टाइटैनिक जहाज का 10 अप्रैल से गहरा नाता है। यह जहाज 10 अप्रैल के दिन ही ब्रिटेन के साउथहैंपटन बंदरगाह से अपनी पहली और अंतिम यात्रा पर रवाना हुआ था। वैसे टाइटैनिक जहाज का जिक्र आते ही इससे जुड़ी दुर्घटना के तमाम मंजर आंखों के सामने से गुजर जाते हैं। 

देश-दुनिया के इतिहास में 10 अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:- 

1847: पुलित्जर पुरस्कारों के प्रणेता अमेरिकी पत्रकार एवं प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर का जन्म। 
1875 : स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की। 
1894: भारतीय उद्योगपति घनश्यामदास बिड़ला का जन्म। 
1912: टाइटैनिक ब्रिटेन के साउथहैंपटन बंदरगाह से अपनी पहली और आखिरी यात्रा पर रवाना हुआ। 
1916: पहले गोल्फ टूर्नामेंट का पेशेवर तरीके से आयोजन। 
1930: पहली बार सिंथेटिक रबड़ का उत्पादन। 
1972: ईरान में भूकंप से लगभग पांच हजार लोगों की मौत। 
1972 : जैविक हथियारों के विकास, उत्पादन और भंडारण पर जैविक हथियार संधि के जरिए रोक लगा दी गई। इस पर 150 से ज्यादा देशों ने हस्ताक्षर किए। 
1973 : पाकिस्तान ने संविधान में संशोधन कर जुल्फिकार अली भुट्टो को राष्ट्रपति के स्थान पर प्रधानमंत्री बनाया। 
1988 : पाकिस्तान के रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बीच घनी आबादी वाले एक इलाके में सेना के शस्त्र भंडार में आग लगने से जानमाल का भारी नुकसान। कम से कम 90 लोगों की मौत, एक हजार से ज्यादा घायल।
1982 : भारत के बहुउद्देशीय उपग्रह इनसेट- 1 ए का सफल प्रक्षेपण। 1995: भारत रत्न से सम्मानित भारत के पांचवें प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का निधन। 
2001 : नीदरलैंड ने एक विधेयक को मंजूरी देकर इच्छामृत्यु को मंजूरी दी। इस तरह का कानून बनाने वाला वह दुनिया का पहला देश बना। 
2010: पोलैंड वायुसेना का टू-154एम विमान रूस के स्मोलेंस्क के पास दुर्घटनाग्रस्त। पोलैंड के राष्ट्रपति लेच केजिस्की, उनकी पत्नी और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों समेत 96 लोगों की मौत। 
2016: केरल के पुत्तिंगल मंदिर में आग लगने से 100 से अधिक लोगों की मौत और 300 से अधिक लोग घायल हुए। 
2024: अंतरराष्ट्रीय स्वापक नियंत्रण बोर्ड समेत संयुक्त राष्ट्र के कई प्रमुख निकायों के लिए भारत का चयन किया गया।