Kanpur: दिल्ली में बैठे डॉक्टर एआई से यहां के अस्पतालों में कर सकेंगे सर्जरी, GSVM में पद्मश्री डॉ. प्रदीप चौबे ने दी जानकारी

कानपुर, अमृत विचार। जिस प्रकार अभी मोबाइल के जरिए हजारों किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति से कॉल और वीडियो कॉल के माध्यम से बात हो जाती है और सारी सूचना आदान-प्रदान हो जाती है। अब ऐसे ही एडवांस टेक्नोलॉजी के माध्यम से दिल्ली व मुंबई में मौजूद डॉक्टर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज या अन्य अस्पतालों में भी जटिल सर्जरी कर सकेंगे। एआई टेली रोबोटिक सर्जरी विधि से ऐसा संभव हो सकेगा।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में शनिवार को इंडियन एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंडोसर्जनस व एसोसिएशन ऑफ सर्जनस ऑफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय हर्निया कांफ्रेस का आयोजन किया गया। उद्घाटन दिल्ली से आए पद्मश्री सर्जन डॉ.प्रदीप चौबे ने किया। डॉ.प्रदीप चौबे ने हर्निया के ऑपरेशन की आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिमुलेशन व रोबोटिक सर्जरी द्वारा जीरो रेकर्रेंस हर्निया सर्जरी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर्निया गलत जीवनशैली व बिगड़े खानपान की वजह से भी हो सकती है। महिलाओं में हर्निया की आशंका पुरुषों से तीन गुना अधिक रहती है।
हर्निया में सबसे एडवांस सर्जरी रोबोटिक सर्जरी है। इससे भी चार कदम आगे एआई टेली रोबोटिक सर्जरी है, जिसके माध्यम से दिल्ली या मुंबई में बैठे सर्जन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज या जिन कॉलेज में रोबोटिक ऑपरेशन की सुविधा है, वहां के ऑपरेशन थियेटर में जटिल से जटिल सर्जरी कर सकते हैं। उनको इतनी दूर आने की जरूरत भी नहीं होगी। इरोड दक्षिण भारत से आए अध्यक्ष डॉ.ईश्वरमूर्ति ने बताया कि डायबिटीज व कैंसर ग्रस्त व्यक्ति को भी हर्निया की आशंका रहती है।
स्मोकिंग करती है मसल्स को कमजोर
हैदराबाद से आई डॉ.लक्ष्मी कोना ने बताया कि युवाओं व अधेड़ वर्ग में स्मोकिंग के कारण हर्निया की समस्या बढ़ी है। स्मोकिंग के कारण शरीर के अंदर जाने वाला धुआं न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पेट के हिस्से, कमर के पास और जांघ के हल्का ऊपर वाले एरिया की मसल्स को भी कमजोर करने का काम करता है। शरीर में प्रोटीन की वैल्यू को भी खराब करने काम स्मोकिंग करती है। इस वजह से हर्निया होने के चांस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। मसल्स कमजोर होने से हर्निया दोबारा भी हो सकता है।
ये लोग रहे मौजूद
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य प्रो.संजय काला, सर्जरी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.जीडी यादव, फाल्स हर्निया के मुख्य सलाहकार डॉ.शिवाकांत मिश्रा, कार्यक्रम सचिव डॉ.शिवांशु मिश्रा, डॉ.वीके मल्होत्रा, डॉ.राजीव भार्गव, डॉ.वीएस तिवारी, डॉ.राजन लूथरा, डॉ.यूसी सिन्हा, डॉ.सीके सिन्हा, डॉ.एसके लूथरा, डॉ.आरके मार्या समेत आदि रहे।