Kanpur: मदरसों में पढ़ाया जाएगा तकरीर करने का तरीका, हालात-ए-हाजिरा के मद्देनजर तमाम कक्षाओं की दी जाएगी दीनी तालीम

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। दारुल उलूम देवबंद के अधीन आने वाले मदरसों के पाठ्यक्रम में इस बार तकरीर करना भी सिखाया जाएगा। शिक्षा पूरी करने वाले हाफिज, कारी, आलिम अगर किसी मस्जिद में पेशइमाम हो जाएं तो कैसे तकरीर करें, यह बताया जाएगा।

जामिया अरबिया इशाअतुल उलूम कुलीबाजार मदरसा में प्रवेश प्रारंभ हो चुका है। मदरसे में दीनीयात का शोबा, नाजरा शोबा-ए-हिफ्ज, शोबा-ए-किरअत और दरजा फारसी से दौरह हदीस शरीफ तक के सभी दरजात में दीनी तालीम के साथ कक्षा (10 वीं क्लास) तक के कोर्स की अंग्रेजी, हिंदी, एवं गणित के एक्सपर्ट टीचर्स के माध्यम से छात्रों को तालीम दी जाएगी। मदरसा के निदेशक एवं शहरकाजी मौलाना हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने बताया कि मदरसे में दीनी व दुनिया तालीम देकर बच्चों की आखिरत एवं दुनिया दोनों संवारी जाती है। 

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