किसानों के लिए वरदान बनी रीपर बाइंडर मशीन : गेहूं की कटाई का काम हुआ आसान, समय और धन दोनों की हो रही बचत

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Published By Vinay Shukla
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Rishu Gupta, Barabanki : इस समय गेहूं की फसल की कटाई आखिरी दौर में है। कुछ स्थानों पर किसान गेहूं की कटाई का कार्य खत्म भी कर चुके हैं। मगर कई स्थानों पर किसान अभी भी गेहूं की फसल को समेटने में लगे हुए हैं। इसका कारण है कि मजदूर नहीं मिल रहे और जो मिलते है वे भी मनमाने दाम वसूल रहे हैं। ऐसे में किसानों आधुनिक उपकरणों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।

दरअसल गेहूं की खेती में मेहनत और समय की बड़ी भूमिका होती है। बुवाई से लेकर कटाई तक किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्राम सभा नारायणपुर भुडेहरी के किसान बलराम शुक्ल ने बताया कि उन्होंने इस बार सवा एकड़ में गेहूं की फसल बोई थी, जो शानदार तैयार हुई है। लेकिन जब कटाई की बारी आई तो मजदूरों की भारी कमी ने उन्हें परेशान कर दिया। इसी बीच उन्हें गेहूं कटर रीपर बाइंडर मशीन के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने इसे किराए पर मंगवाकर फसल की कटाई शुरू की। बलराम शुक्ल ने बताया कि इस मशीन से एक बीघा गेहूं काटने का खर्च मात्र 500 रुपये आता है और यह मशीन एक दिन में लगभग दो एकड़ फसल काट सकती है। जो काम मजदूरों से दस दिन में होता, वह मशीन से एक ही दिन में हो गया। इसके अलावा मशीन से कटाई की लागत भी कम आई क्योंकि यह एक लीटर डीजल में करीब चार बीघा जमीन की फसल काट देती है।

मशीन एक पर काम अनेक
रीपर बाइंडर मशीन सिर्फ फसल काटती ही नहीं, बल्कि उसे बांधकर एक जगह इकट्ठा भी कर देती है, जिससे किसान फसल को आसानी से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सकते हैं। किसानों के लिए यह मशीन समय, श्रम और लागत तीनों में बचत ला रही है।

मौसम के बदलाव ने बढ़ाई चिंता
इस बार गेहूं के एमएसपी से भी ऊपर भाव मंडियों में मिल रहा है। जिससे किसानों को काफी मुनाफा हो रहा है। हालांकि, लगातार बदलते मौसम ने किसानों की चिंता भी बढ़ा रखी है। कभी बारिश, कभी तेज धूप और कभी आंधी के कारण फसल पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में किसान गेहूं की कटाई में अब और देरी नहीं करना चाहते। यही वजह है कि जल्दी कटाई के लिए रीपर बाइंडर मशीन जैसे साधन अब किसानों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।

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