Bareilly: भाजपा ने फिर दिलाई UCC की याद...शहाबुद्दीन बोले शरियत में दखल मंजूर नहीं

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। भाजपा ने एक बार फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड ( यूसीसी ) की बात कर खलबली पैदा कर दी है। अब मुस्लिम जगत से प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी यूसीसी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को शरियत का ख्याल रखते हुए बनाया जाए तो बेहतर होगा। नहीं तो ये मुसलमानों को बिल्कुल मंजूर नहीं होगा।

दरअसल भाजपा ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने अपनी उपलब्धियां गिनाने वाला एक वीडियो जारी किया है। जिसमें न सिर्फ एक साल की उपलब्धियां गिनाई गईं बल्कि अगला कदम यूसीसी की तरफ बढ़ाने की बात कही गई। इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि यूसीसी शरियत में दखल है, इस कानून के लागू होने पर तमाम धर्मों के अनुयायियों को जबरदस्त ठेस पहुंचेगी। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और उसको चलाने के लिए बेहतरीन संविधान हैं। सभी  धर्मों के मानने वालों पर एक कानून नहीं लागू किया जा सकता।

मौलाना ने आगे कहा कि समान नागरिक संहिता में शरियत के नियमों का लिहाज रखा जाए। साथ ही किसी भी धर्म के व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। ऐसे कानून को हर व्यक्ति मानेगा। बीते दिनों उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू किया है। जिसमें आम मुसलमानों से कोई रजामंदी नहीं ली गई। जबकि संविधान के जिस आर्टिकल का हवाला दिया जा रहा है, उसमें साफ-साफ उल्लेख है कि राज्य सभी धर्मों के लोगों की सहमती लेगा। मगर उत्तराखंड सरकार की गठित कमेटी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।

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