मुरादाबाद: पिता एसपी ट्रैफिक, अब बेटा पहनेगा IPS की वर्दी....किसान की बेटी ने जीता आसमां

मुरादाबाद: पिता एसपी ट्रैफिक, अब बेटा पहनेगा IPS की वर्दी....किसान की बेटी ने जीता आसमां

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद के एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार के बेटे सृजित कुमार गंगवार ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा को क्वालीफाई किया है। सचित ने 277वीं रैंक हासिल कर आईपीएस के लिए अपनी जगह पक्की की है। बेटे के सिविल सेवा में सेलेक्शन पर एसपी ट्रैफिक के घर खुशी का माहौल है। करीबी रिश्तेदारों के अलावा स्टाफ के लोगों और परिचितों ने घर पहुंच कर बधाई दी। वहीं ठाकुरद्वारा क्षेत्र के किसान की बेटी पारुल चौहान ने घर पर ही तैयारी करके यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 434वीं रैंक हासिल की है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण पारुल की यह बड़ी उपलब्धि है। 

मुरादाबाद के एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार के बेटे सृजित कुमार ने बताया कि उनकी स्कूल की पढ़ाई-लिखाई शाहजहांपुर से हुई है, जबकि ग्रेजुएशन कानपुर आईआईटी से किया। वह कहते हैं कि बचपन से उनका सपना था कि सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस या आईपीएस बनना है। वह बेहद ईमानदारी से स्वीकार करते हैं कि शायद पिता को पुलिस की वर्दी में देखकर और उनकी जॉब प्रोफाइल को देखते हुए उनके मन में उन्हीं जैसा बनने का ख्वाब जन्म लिया। बीटेक करने के बाद 3 साल नौकरी करते हुए उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने की ठानी। कुछ समय बेंगलुरू में ही पढ़ाई करते रहे, लेकिन जब लगा कि नौकरी पढ़ाई में बाधा बन रही है तो वह उसे छोड़कर पिता के पास आ गए।

उन्होंने बताया कि ऑन लाइन पढ़ाई करके सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की। सिविल सेवा की तैयारी के दौरान माता-पिता का सहयोग बेहद सकारात्मक रहा, इसलिए लक्ष्य को हासिल करने में सफलता मिल गई। सृजित कहते हैं कि सभी युवाओं को अपना लक्ष्य तय करके उसके अनुरूप योजना बनाकर काम करना चाहिए। सिविल सेवा के लिए सात-आठ घंटे नियमित पढ़ाई करता था। वह युवाओं को भी कहते हैं कि लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत बेहद जरूरी है। एकाग्रता और दृढ़ इच्छा शक्ति के बिना लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता है। इसके बिना आप अपने कार्य पर फोकस नहीं हो सकते हैं। 


पारुल ने घर पर तैयारी कर पाया मुकाम
मुरादाबाद जनपद की ठाकुरद्वारा तहसील के गांव दूल्हापुर चौहान निवासी सुदेश कुमार चौहान की बेटी पारुल चौहान ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्ष 2023 में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। इसमें वह एक बार में असफल हो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अपना मनोबल नहीं गिरने दिया और वह परीक्षा की तैयारी में जुटी रहीं। अगले ही साल उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा को क्रैक करने में सफलता हासिल कर ली। पारुल अभी यहीं नहीं रुकना चाहती हैं। वह कहती हैं कि आगे अभी और मौके हैं, उनका भी इस्तेमाल करके अपनी रैंक को सुधारा जाए।
 
किसान सुदेश की बेटी पारुल की सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनके पिता सहित पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है। पारुल की इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार में बल्कि उनके गांव और क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। पारुल के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की सफलता से क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी और वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। पारुल चौहान ने बताया कि उनकी सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता और स्वर्गीय दादाजी को है। पिताजी खेती-बाड़ी कर घर परिवार का भरण पोषण करते हैं। माता मीरा देवी ग्रहणी है। छोटा भाई कमलदीप पढ़ाई कर रहा है। इस सफलता के बाद वह ईमानदारी और दृढ़ता के साथ कार्य करेंगी।