बाराबंकी : एक साथ उठीं तीन अर्थी, नम आंखों ने दी अंतिम विदाई

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Published By Vinay Shukla
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पूरेजबर गांव में अग्निकांड के बाद पसरा सन्नाटा

बाराबंकी: थाना मसौली क्षेत्र के पूरेजबर गांव में मंगलवार शाम हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर डाला। खाना बनाते समय लगी आग ने एक ही परिवार की खुशियों को पलभर में राख कर दिया। हादसा ऐसा जिसे याद करके ही कोई भी सिहर जाए। बुधवार को मां व उसके दो मासूम बच्चों को अंतिम विदाई दी गई। हर किसी की आंख नम थी। 

बताते चलें कि मंगलवार की शाम हुए हादसे में मां पिंकी (35) और उनकी दो मासूम बेटियां मोहिनी (5) और आठ माह की दीपाली की मौत हो गई, जबकि पिता राजमल लोहार और दो वर्षीय बेटा ओमकार गंभीर रूप से झुलस गए। जिनका ईलाज लखनऊ के अस्पताल में चल रहा और राजमल की हालत गंभीर बनी हुई है। उधर बुधवार को जब मां और दोनों बेटियों के शव गांव पहुंचे, तो पूरे गांव में मातम पसर गया। एक ही चिता पर मां और दोनों नन्ही बच्चियों की अर्थियां देख हर आंख नम हो गई।

गांव की गलियों में सन्नाटा था, और हर दिल में एक ही सवाल, क्यों इतना बड़ा दुख इस परिवार पर टूटा ? शोक संतृप्त माहौल में बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। राजमल के छोटे भाई धीरज ने अपनी भाभी और भतीजियों को मुखाग्नि दी। इस मौके पर नायब तहसीलदार तहजीब हैदर, लेखपाल अभिषेक, चौकी इंचार्ज विनय कुमार, विधायक प्रतिनिधि लल्लन वर्मा, पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी, ग्राम प्रधान सुधाकर वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। 

पिता को 12 लाख की मदद, आवास भी 
इस घटना को लेकर जिला प्रशासन भी पीड़ितों के साथ खड़ा हो गया है। यथासंभव मदद की कोशिश की जा रही। इस क्रम में दैवीय आपदा अन्तर्गत 3 मृतक व्यक्तियों की आर्थिक सहायता प्रति व्यक्ति 4 लाख के अनुसार कुल बारह लाख रुपये विधिक वारिस राजमल विश्वकर्मा पुत्र रामकृपाल निवासी ग्राम पूरेजबर को दी जाएगी। इसके साथ ही मकान क्षति के रूप में अहैतुक सहायता 8 हजार रुपये ई-पेमेन्ट के माध्यम से की जा रही है। पीड़ित व्यक्ति के अधिवासन के लिए एक आवास प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत उपलब्ध कराया जा रहा है।

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