पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम सेंट पीटर्स स्क्वायर में शुरू, लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम सेंट पीटर्स स्क्वायर में शुरू, लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

वेटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार कार्यक्रम सेंट पीटर्स स्क्वायर में शुरू हो गया। शोक मनाने के लिए लोग शनिवार को सुबह-सुबह स्कवायर क्षेत्र में एकत्र हुए। सेंट पीटर्स बेसिलिका से फ्रांसिस के ताबूत को स्कवायर में वेदी के सामने लाने के लिए जुलूस की शुरुआत के संकेत के तौर पर घंटियां बजाई गईं। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के बाद पोप का लकड़ी का सादा ताबूत धीरे-धीरे रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका तक ले जाया जाएगा, जहां उन्हें दफनाया जाएगा। ये सेंट पीटर्स स्क्वायर से करीब 4 किमी दूर है। बीते 100 साल में वे पहले पोप होंगे जिन्हें वेटिकन के बाहर दफनाया जाएगा।

पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में जुटे लाखों श्रद्धालुओं

पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विश्व नेताओं और कैथोलिक अनुयायियों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर शनिवार को उन्हें विदाई दी। इस कार्यक्रम में पोप के रूप में फ्रांसिस की प्राथमिकताएं और पादरी के रूप में उनकी इच्छाएं प्रतिबंधित हुईं। कई देशों के राष्ट्रपति और राजकुमार ‘सेंट पीटर्स स्क्वायर’ में पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए तथा कैदी एवं प्रवासी बेसिलिका में उनका स्वागत करेंगे जहां उन्हें दफनाया जाएगा। अंतिम संस्कार में दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। 

सेंट पीटर्स बेसिलिका से फ्रांसिस के ताबूत को स्कवायर में वेदी के सामने लाने के लिए जुलूस की शुरुआत के संकेत के तौर पर घंटियां बजाई गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित गणमान्य व्यक्ति वेदी के एक तरफ बैठे थे और लाल वस्त्र धारण किए कार्डिनल दूसरी ओर बैठे थे। अंतिम संस्कार वेटिकन में नौ दिवसीय आधिकारिक शोक अवधि की शुरुआत का प्रतीक है। 

फ्रांसिस ने पिछले साल वेटिकन की परंपराओं और रीति-रिवाजों में बदलाव कर उन्हें सरल बनाते समय अपने अंतिम संस्कार समारोह को लेकर अपनी इच्छा बताई थी। वेटिकन ने कहा कि उनका उद्देश्य पोप की भूमिका को केवल एक पादरी के रूप में दिखाना था, न कि ‘‘इस दुनिया के एक शक्तिशाली व्यक्ति’’ के रूप में। 

शुक्रवार रात पोप के ताबूत में रखे गए उनके जीवन के आधिकारिक आदेश के अनुसार, फ्रांसिस ने पोप के रूप में 12 साल में अपने पद के संबंध में आमूलचूल सुधार किए और पादरियों के सेवक होने पर जोर दिया। उन्होंने 2013 में अपने चयन के कुछ ही दिन बाद इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था। 

कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने पोप फ्रांसिस की प्रशंसा करते हुए उन्हें लोगों का पोप बताते हुए कहा कि वह ऐसे पादरी थे जो अनौपचारिक एवं सहज शैली में ‘‘हमारे बीच सबसे कमजोर’’ लोगों से संवाद करना जानते थे। रे ने फ्रांसिस को ‘‘लोगों के बीच रहने वाला पोप एवं सभी के लिए खुले दिल वाला’’ करार दिया। 

उन्होंने कहा कि फ्रांसिस की जो आखिरी छवि कई लोगों के मन में है, वह ईस्टर रविवार को अंतिम आशीर्वाद देने और उसी ‘स्कवायर’ में पोपमोबाइल (पोप का वाहन) से सलामी देने की है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। राजकुमार विलियम और यूरोपीय राजघरानों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन, वोलोदिमीर जेलेंस्की, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और यूरोपीय संघ के नेताओं ने 160 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया। 

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और फ्रांसिस के बीच भले ही खास मेल जोल नहीं था लेकिन पोप की राष्ट्रीयता के कारण माइली को गौरवपूर्ण स्थान दिया गया। सेंट पीटर्स स्कवायर के आस-पास की सड़कों पर विशाल टेलीविजन स्क्रीन लगाई गईं ताकि लोग पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम को देख सकें। फ्रांसिस के ताबूत को उस पोपमोबाइल में रखा गया जिसका इस्तेमाल उन्होंने 2015 में फिलीपीन की अपनी यात्रा के दौरान किया था। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए।  

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