बरेली: बाजार में बेहतर दाम, किसानों ने सरकारी केंद्रों से किया किनारा

बरेली, अमृत विचार: शासन और जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले में सरकारी केंद्रों पर 41 दिन में महज 22 फीसदी ही गेहूं खरीद हो पाई है। गेहूं बेचने के लिए जिन किसानों ने पंजीकरण कराया है, उनमें भी अधिकांश नहीं पहुंचे हैं। इसकी वजह से बाजार में अधिक दाम होना बताया जा रहा है। गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है, जबकि बाजार में इससे 150 रुपये और इससे अधिक तक अधिक मिल रहा है।
जिले में गेहूं खरीद के लिए पीसीयू, पीसीएफ समेत सात एजेंसियों के 131 क्रय केंद्र स्थापित हैं। इनमें 15 मार्च से खरीद शुरू हुई है। शासन से गेहूं खरीद का लक्ष्य 90 हजार मीट्रिक टन दिया है। खरीद की गति कम देखते हुए पिछले दिनों शासन ने पंजीकरण के बाद सत्यापन की बाध्यता भी खत्म कर दी है। किसानों को गेहूं बिक्री के 72 घंटे में भुगतान दिया जा रहा है। मोबाइल केंद्रों के माध्यम से घर तक पहुंचकर गेहूं खरीदने का इंतजाम है।
इसके बावजूद केंद्रों पर किसान नहीं पहुंच रहे हैं। विपणन विभाग के अनुसार शनिवार तक जिले में सिर्फ 22.66 फीसदी ही गेहूं खरीदा जा सका है। सबसे कम खरीद नैफेड, पीसीयू और मंडी समिति के केंद्रों पर हुई है। डिप्टी आरएमओ कमलेश पांडेय का कहना है कि जिले में अब तक 20,391 एमटी गेहूं की खरीद हुई है। बाजार रेट अधिक होने के कारण किसानों का रुझान उस ओर ज्यादा है।
यह है क्रय केंद्रों पर खरीद की स्थिति
खाद्य विभाग के 30 केंद्रों पर 10552.95 एमटी, पीसीएफ के 36 केंद्रों पर 3605.29 एमटी, यूपीएसएस के 30 केंद्रों पर 2603.70 एमटी, पीसीयू के 17 केंद्रों पर 1331.45 एमटी, नैफेड के चार केंद्रों पर 121.90 एमटी, मंडी समिति के एक केंद्र पर 530.40 एमटी, भारतीय खाद्य निगम के 11 केंद्रों पर 1646.20 एमटी खरीद हुई है।
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