90 फीसदी अंक की उम्मीद पर आए 79, कानपुर में इंटरमीडिएट छात्रा फंदे से झूली: शव देखते ही फफक पड़े परिजन
कानपुर, अमृत विचार। इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में 79 फीसदी अंक आए हैं पापा, जबकि हमारी तैयारी इससे कहीं ज्यादा थी। अगली कक्षा मिल गई, लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं। पिता-पुत्र के बीच हुई इस बात के बाद दो दिन से आकांक्षा उदास रह रही थी और रविवार देर शाम उसने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। इकलौती बेटी को फंदे से पर लटकता देख परिजनों में चीख-पुकार मच गई।
गुमटी नंबर-पांच ओमनगर निवासी श्यामजी सैनी जेके मंदिर परिसर में फूल का कारोबार करते हैं। परिवार में श्यामजी की पत्नी गौरी, बेटा श्रेष्ठ व एकलौती बेटी 19 वर्षीय आकांक्षा थी। आकांक्षा फातमा कॉन्वेंट स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। श्यामजी ने बताया कि बेटी बायोलॉजी से इंटर की परीक्षा दी थी। बीते शुक्रवार को परीक्षा परिणाम आने पर पता चला कि बेटी को 79 फीसदी अंक मिले हैं।
उन्होंने बेटी को बधाई दी तो उसने मायूसी से कहा कि हमें 90 फीसदी की उम्मीद थी। कम अंक आने से वह उदास थी। उसने पास होने की खुशी भी नहीं मनाई। शनिवार शाम करीब चार बजे वह अपनी मां के साथ दुकान गए। इस बीच उनका बेटा श्रेष्ठ जो बारहवीं का छात्र है, कमरे में पढ़ाई कर रहा था।
पत्नी दूसरे कमरे में थीं, तभी बेटी तीसरी मंजिल पर बने कमरे में गई और फांसी लगा ली। शाम पांच बजे जब उसकी दादी दुकान से घर लौटीं तो उन्होंने बेटी को आवाज दी। कोई जवाब न मिलने पर ऊपर जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा पीटने के बाद पड़ोसियों की मदद से तोड़कर अंदर घुसे तो आकांक्षा का शव फंदे से लटका देखा। परिजन उसे उतारकर हैलट ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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