प्रयागराज : न्यायिक रिक्तियों को भरने की मांग वाली याचिका पर अधिवक्ताओं को सरकार से निर्देश लेने के आदेश
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय में न्यायिक रिक्तियों को समयबद्ध रुप से शीघ्रता से भरने के लिए निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय प्रशासन के अधिवक्ताओं से मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति अनिल कुमार-दशम की खंडपीठ ने मामले को आगामी 21 मई 2025 के लिए सूचीबद्ध करते हुए पारित किया।
मालूम हो कि वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय अपने इतिहास में सबसे गंभीर संकट का सामना कर रहा है। न्यायालय "कार्यात्मक पक्षाघात की स्थिति" में है, क्योंकि यह अपनी स्वीकृत न्यायिक क्षमता के 50% से भी कम पर काम कर रहा है। याचिका में न्यायालय में न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए अनिवार्य रूप से और सख्ती से पालन किए जाने वाले बाध्यकारी दिशानिर्देश निर्धारित करने की मांग की गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की भारी कमी पर प्रकाश डालते हुए याचिका में कहा गया है कि राज्य की 24 करोड़ की आबादी और 1,155,225 लंबित मामलों के साथ वर्तमान में प्रत्येक 30 लाख लोगों पर केवल एक न्यायाधीश है तथा प्रत्येक न्यायाधीश औसतन 14,623 लंबित मामलों को संभाल रहा है। यह महज आंकड़े नहीं, बल्कि अव्यवस्थित न्याय व्यवस्था की सिसकती सच्चाई है।
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