कासगंज: बांग्लादेशियों को शरण देने वाले महमूद पठान का क्या है भरगैन से नाता ? गुजरात से हुआ है गिरफ्तार
कासगंज, अमृत विचार। बांग्लादेशियों को शरण देकर काला धन इकठ्ठा करने वाला महमूद पठान उर्फ लाला बिहारी कासगंज के कस्बा भरगैन का रहने वाला है। अहमदाबाद पुलिस ने उसे राजस्थान के बांसवाड़ा से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि उसकी चार पत्नियां, पांच मकान, सात बैंकों में खातों के अलावा नौ संताने हैं।
उसके खिलाफ अहमदाबाद के चंडोला जिले में तालाब की एक लाख वर्गमीटर से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा जमा कर काले धंधे का साम्राज्य खड़ा करने और उस पैसे से मौज की जिंदगी जीने का आरोप है। इतना ही नहीं तालाब की जमीन पर कब्जा कर बांग्लादेशियों को शरण दे रहा था। वह मूल रूप से कासगंज जनपद की पटियाली तहसील क्षेत्र के गांव भरगैन का रहने वाला है। भरगैन कस्बे के नगर पंचायत अध्यक्ष चमन सेठ ने बताया कि उसका परिवार चार दशक पूर्व भरगैन से जाकर अहमदाबाद में रहने लगा। उसका भरगैन से कोई लेना देना नहीं है। उसे यहां के लोग पहचानते तक नहीं हैं।
पुलिस को उसके राजस्थान के बांसवाड़ा में छिपे होने की सूचना मिली थी। वह राजस्थान से उप्र भागने की फिराक में था। पुलिस ने मोटी झेर गांव पहुंचकर उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने बतायाकि उसकी चार पत्नियां हैं। अहमदाबाद में चंडोला के अलावा, चौकीदार बाबा की दरगाह, शाहआलम, अहमदाबाद शहर, नूर अहमद सोसायटी, दाणी लिमडा में उसका मकान है। उसने अपने काले धंधो से होने वाली कमाई को छिपाने के लिए सात बैंक खाते खुलवा रखे हैं।
