Kanpur में चमनगंज हादसा: ताला खुला होता तो बच जाता पूरा परिवार, धुएं के गुबार में दम घुटने से बेड पर ही गिर गए पति-पत्नी

कानपुर, अमृत विचार। चमनगंज में जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ, उसकी छत के दरवाजे में ताला लगा था। पहली मंजिल से आग जब तीसरी मंजिल तक पहुंची तो वहां धुआं निकलने का कोई रास्ता नहीं था। तीनों बेटियां एक-दूसरे का हाथ थाम कर छत की ओर भागीं, लेकिन धुएं के गुबार में फंसकर छत तक पहुंचने के पहले ही तीनों का दम घुटने लगा और तीनों जीने पर ही बेहोश होकर गिर गईं। इसके बाद आग की चपेट में आ गईं।
प्रत्यक्षदर्शी मुन्ना ने बताया कि बिल्डिंग के पीछे की ओर रहने वाले पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने अपने-अपने घरों के सब मर्सिबल पंप चालू कर दिए थे और बिल्डिंग के अंदर बराबर पानी डालने की कोशिश कर रहे थे। हर तरफ शोर हो रहा था कि कुछ लोग बिल्डिंग में फंसे हैं, तो हम लोगों ने पीछे की ओर अपनी बिल्डिंग से आग वाली बिल्डिंग में दो सीढ़ियां लगा रखी थीं, ताकि छत के रास्ते वह उनकी बिल्डिंग तक पहुंच जाएं, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई छत पर नहीं आया।
दरअसल, छत वाले जीने के दरवाजे पर ताला लगा था। ताला लगा होने के कारण धुआं भी बाहर नहीं निकल पा रहा था। तीनों बेटियां छत पर भाग कर अपनी जान बचाना चाहती थीं, लेकिन धुएं के गुबार में उनका दम घुटने लगा। वह छटपटाती रहीं। भागने की कोशिश करती रहीं, लेकिन जब कोई रास्ता नहीं मिला तो एक-दूसरे को जकड़ लिया। दम घुटने से वहीं गिर गईं और फिर उनकी सांस थम गई। इधर, कमरे में उनके माता-पिता का दम घुट चुका था।
बिल्डिंग में लगे थे अग्निशमन यंत्र
चमनगंज स्थित प्रेम नगर में जिस बिल्डिंग में आग लगी, उसमें अग्निशमन यंत्र लगा था। यदि अग्निशमन यंत्र चला दिया जाता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता। चमनगंज में हादसे का शिकार हुई बिल्डिंग में सभी तल पर अग्निशमन यंत्र लगा था, लेकिन आग की लपटें और धुएं का गुबार देख लोगों ने अग्निशमन यंत्र चलाने के बजाय अपने आप को सुरक्षित बाहर निकलने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। इससे दो सवाल खड़े होते हैं कि या तो बिल्डिंग में किसी को अग्निशमन यंत्र चलाना नहीं आता था या फिर अग्निशमन यंत्र खराब था।
सिलेंडर ब्लास्ट से पड़ोस के घरों में भी पड़ा असर
दानिश की बिल्डिंग में आग लगने के बाद तीन सिलेंडर में धमाके हुए जबकि दो एसी में भी ब्लास्ट हुआ, जिससे बिल्डिंग का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया और उसकी ईंट उड़कर पड़ोसी भरत के कमरे तक पहुंचीं, जिससे उनके बाथरूम में सुराख हो गया। कमरे का पंखा टेढ़ा हो गया। दूसरी तरफ पर्वत के नाम से कारोबार होता है। यह बिल्डिंग भी खाली हो गई है। दोनों पड़ोसी बिल्डिंग को परिजन खाली कर चले गए हैं।
बिल्डिंग के जीने में फोम, केमिकल व अन्य सामग्री भरी थी, जिससे जीने पर निकलने का रास्ता तक नहीं था। इसी वजह से परिवार भाग नहीं सका। पूरे मामले की जांच की जा रही है।- दीपक शर्मा, मुख्य अग्ननिशमन अधिकारी