बरेली में दुष्कर्म की झूठी FIR बना ब्लैकमेलिंग का हथियार, पुलिस ने दबोचा मास्टरमाइंड

बरेली, अमृत विचार: चार महिलाएं दुष्कर्म का फर्जी केस दर्ज कराकर लोगों से वसूली करने का गैंग चला रही थीं। इस गैंग को सरगना पीडब्ल्यूडी का चपरासी निरंजन है। वह कई लोगों से झूठे मुकदमें लिखाकर लाखों रुपये की वसूली कर चुका है। एसपी सिटी मानुष पारीक के आदेश पर चपरासी समेत छह लोगों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर चपरासी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र निवासी सुधांशु अग्रवाल उर्फ गोलू ने बताया कि मढ़ीनाथ की रहने वाली एक महिला ने कोर्ट के जरिए 18 फरवरी को थाना किला में उनके खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच में पता चला कि घटना के समय वह सीबीगंज की एक दुकान पर सामान लेने के लिए गए थे। पुलिस ने मुकदमे को फर्जी मानते हुए खारिज कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह शाहजहांपुर की महिला ने टीकाराम मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। शांति विहार की एक महिला ने अख्तर हुसैन रिजवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। सुधांशु का आरोप है कि इस पूरे गिरोह का संचालन पीडब्ल्यूडी का चपरासी निरंजन कर रहा है। गैंग की महिला सदस्य हीराकली, नन्ही देवी, चंद्रकली और वैशाली दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट का सहारा लेकर ब्लैकमेलिंग करती थीं और रुपये नहीं देने पर कोर्ट के माध्यम से केस दर्ज करवा देती थीं।
उधर कोतवाली पुलिस ने फौरन निरंजन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब उसका फोन चेक किया तो उसमें उसमें महिलाओं के साथ बातचीत के कई ऑडियो क्लिप्स मिले। जिनमें वह पुरुषों को फंसाने और उनसे रुपये वसूलने की योजना बना रहा था। पुलिस इन ऑडियो की भी जांच कर रही है।
पीडब्ल्यूडी के चपरासी समेत छह आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीडब्ल्यूडी का चपरासी ही गिरोह का सरगना था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह में शामिल आरोपी महिलाओं की तलाश की जा रही है- मानुष पारीक, एसपी सिटी
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