Cannes Film Festival : आज से होगी कान फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत, यूक्रेन की फिल्मों का प्रसारण, भारत करेगा वापसी 

Cannes Film Festival : आज से होगी कान फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत, यूक्रेन की फिल्मों का प्रसारण, भारत करेगा वापसी 

फ्रांस । फ्रांस के कान शहर में 78वें कान फिल्म महोत्सव की शुरुआत मंगलवार को होगी जिससे उम्मीदें काफी अधिक हैं क्योंकि यह एक बड़ा आयोजन होने वाला है। फ्रेंच रिवेरा के तट पर होने वाले इस शानदार आयोजन के लिए सितारों से लेकर शीर्ष स्तर के फिल्म निर्माता, राजनीतिक हस्तियां तैयार दिख रही हैं। अगले 12 दिन में कान कई फिल्मों की मेजबानी करेगा जिनमें ‘मिशन: इम्पॉसिबल - द फाइनल रिकोकिंग’, स्पाइक ली की ‘हाईएस्ट 2 लोएस्ट’ और एरी एस्टर की ‘एडिंगटन’ शामिल हैं। 

मंगलवार को जूलियट बिनोचे की ‘जूरी’ के अनावरण, यूक्रेन के समर्थन में तीन फिल्मों के प्रदर्शन और रात्रिकालीन शुरुआती फिल्म अमेली बोनिन की फ्रेंच रोमांस ‘लीव वन डे’ के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। समारोह के उद्घाटन समारोह में रॉबर्ट डी नीरो को मानद ‘पाम डी ओर’ की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा, जिनकी ‘टैक्सी ड्राइवर’ ने 49 साल पहले कान का शीर्ष पुरस्कार जीता था। बुधवार को टॉम क्रूज की फिल्मोत्सव में वापसी होगी।

महोत्सव में ‘टॉप गन: मेवरिक’ के प्रदर्शन के तीन साल बाद वह अपनी हालिया फिल्म ‘मिशन: इम्पॉसिबल’ के साथ वापसी कर रहे हैं। कान के शीर्ष पुरस्कार ‘पाम डी ओर’ के लिए 22 फिल्में प्रतिस्पर्धा करेंगी। इन फिल्मों में वेस एंडरसन की ‘द फोनीशियन स्कीम‘, रिचर्ड लिंकलेटर की ‘नोवेल वेग’, लिन रामसे की ‘डाई, माई लव’, जोआचिम ट्रायर की ‘सेंटिमेंटल वैल्यू’, केली रीचर्ड की ‘द मास्टरमाइंड’, ओलिवर हरमनस की ‘द हिस्ट्री ऑफ साउंड’, जूलिया डुकोर्नौ की ‘अल्फा’ और जाफर पनाही की ‘ए सिंपल एक्सीडेंट’ शामिल हैं। 

वहीं, भारत भी इस साल पीछे नहीं है बल्कि संस्करण में भारतीय प्रस्तुतियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीन फिल्मों को कांन्स में उतारा है इनकी खास स्क्रीनिंग भी की जाएगी। 

अरन्येर दिन रात्रि (Days and Nights in the Forest)

1970 की सत्यजीत रे की क्लासिक फिल्म अरन्येर दिन रात्रि को कान्स क्लासिक्स सेक्शन में शामिल किया है। इसे मार्टिन स्कॉर्सेज़ के फाउंडेशन, हेरिटेज फाउंडेशन और क्राइटेरियन कलेक्शन के सहयोग से स्थापित किया गया है।इसकी कहानी में चार पुरुष है जो जंगल को जाते है और आत्म खोज और ग्रामीण जीवन से साक्षात् मिलते हैं।  

चरक (The Fear of Faith)

बंगाल की प्राचीन चरक पूजा पर आधारित सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित शक्तिशाली और असहज कर देने वाली कहानी युवा व्यत्कि के जीवन को दर्शाती है कि कैसे धार्मिक भक्ति और कट्टरता शरीर आत्मा के बीच संघर्ष का मैदान बन जाती है।  इस वर्ष के संभावित ब्रेकआउट के रूप में इस फ्लिम को देखा जा रहा है।   

होमबाउंड

अपनी नई फिल्म होमबाउंड के साथ मसान निर्देशक नीरज घायवान वैसोइ कर रहे है यह फिल्म Un Certain Regard सेक्शन के लिए कुंजी गई है और बहरत के छोटे शहरों के संघर्ष आत्मसम्मान, आकांक्षाओं की कहानी को दर्शाती है।

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