kannauj news : फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से आरटीई में कराए प्रवेश, केस दर्ज
जेपीएस में दाखिला दिलाने के बाद प्रबंधक ने कराई जांच तो हुआ खुलासा
खंड शिक्षा अधिकारी ने कोतवाली सदर में बच्चों के पिता पर दर्ज कराई रिपोर्ट,
Admission done with fake birth certificate: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लगाकर जेपीएस में आरटीई के तहत दो विद्यार्थियों का दाखिला कराने के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के पिता पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सदर कन्नौज की बीईओ मधुलिका बाजपेई ने कोतवाली में गांव बुलाकीपुर्वा निवासी मनोज कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इसमें आरोप है कि मनोज ने पुत्री स्नेहा व पुत्र देव कुमार के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा कर जेपीएस में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत इस वर्ष दाखिला कराया था। जेपीएस के प्रबंधक ने 11 अप्रैल 2025 को जन्म प्रमाण पत्रों का सत्यापन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. स्वदेश गुप्ता से कराया। सीएमओ ने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. शक्ति बसु को पत्र भेज कर सत्यापन कराया तो बताया गया कि दोनों प्रमाण पत्र उनके यहां से जारी नहीं किए गए हैं।
इस पर बीएसए संदीप कुमार ने 14 मई 2025 को मनोज कुमार को सूचना भेज कर सुनवाई के लिए बुलाया। मनोज कुमार के मोबाइल पर बात हुई तो बताया कि वह काम के संबंध में हैदराबाद है उसका आना संभव नहीं है। मनोज ने बताया कि बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र उन्होंने तहसील में किसी से बनवाए हैं। उसमें दर्ज जन्म तिथि की उसे जानकारी नहीं है।
बीईओ ने घर पहुंचकर दीं निशुल्क पुस्तकें
फर्जी एवं कूटरचित प्रमाण पत्रों के आधार पर कराए गए दोनों छात्रों के आरटीई के तहत जेपीएस में हुए प्रवेश सीट आवंटन को निरस्त किया गया है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षा के अधिकार में निर्गत परमानेंट एजूकेशन नंबर (पेन संख्या) के आधार पर दोनों बच्चों के प्रवेश कंपोजिट विद्यालय मानपुर में कराने को कहा गया। साथ ही निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दे दी गईं हैं। पुस्तकें देने के लिए बीईओ मधुलिका बाजपेई और प्रभारी प्रधानाध्यापक शशि बाथम बच्चों के घर पहुंचीं।
जनसुविधा केंद्रों की होगी जांच, फर्जीवाड़ा पर कार्रवाई
जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी और कक्षा 1 में प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत सीटें वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। जिसके तहत बच्चों का प्राइवेट स्कूल में दाखिला कराया जाता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फर्जीवाड़ा करने और कराने वाले को किसी प्रकार से बख्शा नहीं जाएगा। इस संबंध में जन सुविधा केंद्रों की जांच एसडीएम व तहसीलदार करेंगे।
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