इन्वेस्ट यूपी के CEO के करीबी निकांत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, सोलर इंडस्टी लगाने के लिए मांगा पांच प्रतिशत कमीशन

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी में सोलर इंडस्टी लगाने के लिए पांच प्रतिशत कमीशन के मामले में इन्वेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ के करीबी निकांत जैन के खिलाफ एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसआईटी ने 1250 पन्ने की चार्जशीट एंटी करप्शन कोर्ट में दाखिल की है। इसमें मुख्य आरोपी निकांत जैन को बनाया है। चार्जशीट में निकांत पर रंगदारी मांगने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं में आरोप लगाए हैं। मामले की जानकारी होने पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने एसआईटी का गठन किया था। जिसमें बाराबंकी के एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, एसीपी गोमतीनगर विनय कुमार द्विवेदी को शामिल किया था।

एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए निवेशक विश्वजीत दत्ता से निकांत जैन ने पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। सौर ऊर्जा कंपनी सैल सोलर पी-6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि हैं विश्वजीत दत्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि निकांत जैन ने यह कमीशन इन्वेस्ट यूपी के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से मांगा था। इस मामले में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ और आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च 2025 को निलंबित कर दिया गया था। एएसपी बाराबंकी और एसीपी गोमती नगर के नेतृत्व में दाखिल की गई 1250 पन्नों की चार्जशीट में विश्वजीत दत्ता और निकांत जैन के बयानों को मुख्य आधार बनाया गया है। दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल और व्हाट्सएप चैट को अहम सबूत के तौर पर शामिल किया गया है। चार्जशीट में इन्वेस्ट यूपी के कर्मचारियों के बयानों को भी शामिल किया गया है।

बयान में अभिषेक प्रकाश का नाम

विश्वजीत दत्ता और निकांत जैन के बयानों में निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश का नाम बार-बार सामने आया है। विश्वजीत ने अपनी शिकायत में कहा था कि अभिषेक प्रकाश ने उन्हें निकांत जैन से संपर्क करने के लिए कहा था, जिसके बाद निकांत ने कमीशन की मांग की। एसआईटी ने अभिषेक प्रकाश को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। अब एसआईटी जल्द ही उन्हें दोबारा नोटिस भेजने की तैयारी में है। निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी एसआईटी की जांच खत्म नहीं हुई है। एसआईटी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में लगी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले में समानांतर जांच कर रहा है और निकांत जैन से जुड़ी 12 कंपनियों की जानकारी जुटा रहा है।

यह था मामला

कमीशनबाजी का मामला तब सामने आया जब विश्वजीत दत्ता ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को शिकायत दी थी। जिसमें उनकी कंपनी ने उत्तर प्रदेश में सोलर सेल और सोलर उपकरण निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी के माध्यम से आवेदन किया था। समीक्षा समिति ने उनकी परियोजना को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभिषेक प्रकाश ने कथित तौर पर निकांत जैन के जरिए पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर परियोजना को बार-बार री-इवैल्यूएशन के लिए भेजा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया था और निकांत जैन को गोमती नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

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