'लर्निंग बाय डूइंग’ से बच्चों में आएगी क्रिएटिविटी, किताबी दुनिया के बजाय वास्तविक प्रयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे बेसिक स्कूल 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश के बेसिक स्कूलों में बच्चे नवाचार की उड़ान भर रहे हैं। इसे लोकभवन में सोमवार को देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों से बातचीत की और उनकी प्रतिभाओं को सराहा। राज्य के 2274 बेसिक विद्यालयों में लर्निंग बाय डूइंग कार्यक्रम चल रहा है जिसका उद्देश्य बच्चों को वास्तविक जीवन से जोड़ना है। इसका उद्देश्य बच्चों को किताबों की सीमित दुनिया से बाहर निकालकर उन्हें प्रयोग करके सीखने की प्रेरणा देना है।

बच्चे अब खुद प्रोजेक्ट बना रहे हैं, माडल तैयार कर रहे हैं और सामाजिक समस्याओं के समाधान ढूंढ रहे हैं। यह कार्यक्रम यूनिसेफ के सहयोग से प्रारंभ किया गया था। शुरुआती तौर पर इसे 15 जिलों के 60 बेसिक स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया।

पायलट की सफलता के बाद इसे विस्तार देते हुए 2274 स्कूलों तक पहुंचाया गया। वर्ष 2025 के अंत तक इसे 3288 स्कूलों में शुरू करने का लक्ष्य है। इसके लिए शिक्षकों को मुख्यालय स्तर पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। बच्चों को चार प्रमुख क्षेत्र कृषि, गृह व स्वास्थ्य, वर्कशाप इंजीनियरिंग और ऊर्जा व पर्यावरण में परियोजना आधारित शिक्षा दी जा रही है।

सोमवार को लोक भवन में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। औरंगाबाद के बेसिक स्कूल के बच्चों ने मोबाइल प्रोजेक्टर, दिव्यांगजन के लिए स्मार्ट शूज और डीसी कूलर जैसे प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए, मुख्यमंत्री ने बच्चों के नवाचार को देखा।

ये भी पढ़े : भारत में ब्रिटेन बनाएगी University of Liverpool का कैंपस, अगस्त 2026 में एडमिशन प्रक्रिया होगी शुरू

संबंधित समाचार