हाईकोर्ट का आदेश: प्रमुख सचिव राजस्व को अवमानना मामले में 7 जुलाई को किया तलब, प्रोन्नति से जुड़ा है पूरा मामला

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद को अदालत की अवमानना के आरोप तय करने के लिए 7 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया है। न्यायालय ने राजस्व परिषद के चेयरमैन अनिल कुमार तथा आयुक्त/सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिआ को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश अलख शुक्ला व अन्य याचियों के नायब तहसीलदार के पद से तहसीलदार के पद पर प्रोन्नत किए जाने संबंधी आदेश की अवहेलना के मामले में पारित किया है। याचियों का कहना है कि उन्होंने 11 जनवरी 2016 के विज्ञापन के क्रम में नायब तहसीलदार की भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण की, हालांकि उनका नियुक्ति पत्र जारी करने में राज्य सरकार की ओर से विलंब हुआ जिसकी वजह से याचियों का वरिष्ठता क्रम नीचे हो गया, इस वजह से 10 नवंबर 2023 को राजस्व परिषद द्वारा सरकार को भेजे गए, प्रोन्नति की सूची में उनका नाम नहीं आया।

कहा गया है कि मूल रिट याचिका के निस्तारण के समय राज्य सरकार की ओर से ही कहा गया था कि राजस्व परिषद द्वारा सरकार को 17 अक्टूबर 2024 को एक प्रस्ताव भेजा गया है जिसके द्वारा तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति की शर्तों को शिथिल किया जाना है। यदि उक्त प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो सभी याचियों की प्रोन्नति संभव हो जाएगी। इस पर रिट कोर्ट ने प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का भी आदेश सरकार को दिया था। याचियों का आरोप है कि 31 जनवरी 2025 को एक पत्र जारी करते हुए, राज्य सरकार ने 17 अक्टूबर 2024 के उक्त प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। लिहाजा याचियों ने अवमानना का वर्तमान मुकदंआ दाखिल किया है।

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