पीलीभीत: अदालत पहुंचे सपाई...कार्यालय खाली करने के मामले में वाद दाखिल करने की मंजूरी

पीलीभीत: अदालत पहुंचे सपाई...कार्यालय खाली करने के मामले में वाद दाखिल करने की मंजूरी

पीलीभीत, अमृत विचार। सपा कार्यालय खाली करने के लिए प्रशासन की ओर से दीगई छह दिन की मोहलत के तीन दिन बीत चुके हैं। इसी बीच एक नया मोड़ आया है। सपा की ओर से न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन की शरण ली गई है। जिसमें प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के वाद योजित करने की अनुमति दे दी गई है।
 
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा की ओर से न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन में एक प्रार्थना पत्र अधिवक्ताओं के माध्यम से प्रेषित किया गया। जिसमें बताया कि कार्यालय के आवंटन से जुड़ी जानकारी दी गई। प्रार्थना पत्र में बताया कि 11 मार्च 2005 को पूर्ण बहुमत से नगरपालिका बोर्ड की बैठक में प्रस्तावित कर विधिवत रूप ये सपा कार्यालय के लिए उक्त भवन आवंटित किया गया था। विधिवत आवंटन के अनुसार जब तक प्रथम तल पर निर्माण कार्य पूरा न हो जाए, तब तक समाजवादी पार्टी को कार्यालय के लिए भूतल अस्थाई रूप से उपयोग, उपभोग के लिए 150 रुपये मासिक किराए की दर से आवंटित किया गया। इसमें आवंटन की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। 

बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए बलपूर्वक वादग्रस्त संपत्ति से बेदखल कराने की मंशा रखी जा रही है। इसी को लेकर आठ जून की रात्रि में एक अवैध नोटिस चस्पा कर दिया गया कि भवन को खाली कर दें अन्यथा दस जून को भवन खाली करा लिया जाएगा। इस संबंध में डीएम को नौ जून को प्रार्थना पत्र दिया था। दस जून को कई अधिकारी कर्मचारी पुलिस बल के साथ मौके पर जबरन कब्जा करने के लिए पहुंच गए। मौके पर उनके व कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध किया गया।

इस पर ईओ द्वारा प्रशासनिक निर्देशानुसार छह दिन का समय यानी 16 जून 2025 तक का समय मनमाने ढंग से दिया गया। आरोप लगाया कि ऐलानियां धमकी दी गई कि 16 जून 2025 तक कार्यालय खाली नहीं किया गया तो बलपूर्वक बेदखल कर देंगे। ये कहा गया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश में वाद योजित करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई तो प्रार्थी इंसाफ पाने से वंचित हो जाएगा। 

न्यायालय ने समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रस्तुत प्रार्थना पत्र  को स्वीकार किया। वादी (सपा जिलाध्यक्ष) को प्रस्तुत वाद को योजित करने की अनुमति प्रदान की गई है। सपा जिलाध्यक्ष की याचिका पर अधिवक्ता राशिद मियां कदीरी, सुधीर तिवारी, अमित पाठक एडवोकेट, मोहन लाल कश्यप, ज्योति प्रकाश शुक्ला, कमलेश कुमार पाल आदि अधिवक्ताओं ने पैरवी की। 

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