IIT ने दीक्षा देकर देश को सौंपी बौद्धिक संपदा, convocation में 2848 मेणावियों को मिली उपाधियां
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कानपुर, अमृत विचार। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर का सोमवार को दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। समारोह में 2,848 मेधावियों को उपाधियां प्रदान की गई। उपाधियां देने के साथ ही मेधावियों को गुरुजनों ने दीक्षा देकर मेधावियों को संस्थान परिसर के बाहर की दुनिया से भी अवगत कराया। यह भी कहा कि अब संस्थान की ख्याति को कामय रखना आप के हाथों में है। समारोह में मेधावियों को प्रसिंडेंट गोल्ड मेडल, डायरेक्टर गोल्ड मेडल सहित अन्य मेडल सौंपे गए।
इस तरह से संस्थान की ओर से देश को बौद्धिक संपदा के रूप में मेधावी सौंपे गए। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा शामिल हुए। संस्थान के निदेशक प्रो मणींद्र अग्रवाल ने आईआईटी कानपुर का इतिहास और उपलब्धियां बताई। उधर आरबीआई के गवर्नर संजय मेल्होत्रा ने युवाओं को महत्वपूर्ण टिप्स दिए। कहा कि संस्थान से डिग्री मिलने के बाद यह अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। यह डिग्री सिर्फ पहली नौकरी पाने की एक सीढ़ी है। अभी जीवन में कई पड़ाव आने बाकी है। इन पड़ाव को पार करने को ही सफलता कहते हैं। आज जो आपने पढ़ा वह कल पुराना हो जाएगा। सफलता हासिल करने के लिए लगातार सीखते रहना जरूरी है। इसलिए जीवन में कार्य के दौरान आने वाली समस्या के हल से लगातार सीखने की आदत डलनी चाहिए। उन्होंने अपने जीवनअनुभवों को युवाओं के साथ साझा किया। कहा कि जीवन में भी कक्षा की तरह प्रश्न को पूछने की आदत कभी नही छोड़नी चाहिए। प्रश्न पूछने से नए आइडिया सामने आते हैं और समस्या का समाधान मिलता है। इसके अलावा उन्होंने युवाओं को ‘चैलेंज’ लेने से पीछे न हटने भी की सीख दी। इसके अलावा उन्होंने हमेशा भरोसा बनाए रखने की भी युवाओं को सीख दी। कहा कि भरोसा ही हर रिश्ते की नींव हैं। वह भरोसा ही है जो पति-पत्नी, भाई-भाई, माता-पिता जैसे रिश्तों को हमेशा बनाए रखता है। यही भरोसा नौकरी, शोध या फिर प्रतियोगी या चैंलेंज देने वालों के बीच होता है। समाज में हर रिश्ता भरोसे पर टिका है। इसलिए उसे कभी नहीं तोड़ना चाहिए।
अभिभावक का संघर्ष रखे याद
दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्य अतिथि ने युवाओं को अभिभावकों के संघर्ष व सपोर्ट को भी कभी न भूलने की सीख दी। उन्होंने कहा कि कई अभिभावक है जो यहां बैठे हुए हैं। उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए तमाम संघर्ष किए होंगे। यह संघर्ष शायद युवाओं को भी न पता हो। इसलिए हमेशा अपने अभिभावकों का सम्मान करना चाहिए।
प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल
दीक्षांत समारोह के दौरान कंप्यूटर साइंस व इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से तलिन गुप्ता को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल हासिल हुआ।
डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल
संस्थान की ओर से कलश तलाटी को डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल से नवाजा गया। कलश को फिजिक्स में तो दूसरी ओर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ध्रुव मिश्रा को भी डायरेक्टर गोल्ड मेडल हासिल हुआ।
रतन स्वरूप मेमोरियल प्राइज
समारोह में रतन स्वरूप मेमोरियल प्राइज से कंप्यूटर साइंस के छात्र वरुण टोकस को नवाजा गया।
डॉ शंकर दयाल शर्मा मेडल
समारोह में डॉ. शंकर दयाल शर्मा मेडल से कैमेस्ट्री के छात्र अभिषेक कुमार यादव को सम्मानित किया गया।
300 छात्रों को पीएचडी
दीक्षांत समारोह में संस्थान की ओर से लगभग तीन सौ छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। संस्थान के निदेशक प्रो मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब संस्थान में पीएचडी डिग्री प्रदान करने वाले छात्रों का आंकड़ा तीन सौ के पार पहुंच रहा है। इससे पहले संस्थान की ओर से हर साल 220 से 250 तक पीएचडी छात्रों को डिग्री प्रदान की जाती थी।