राजधानी के दर्जनों मदरसे रडार पर, मदरसा छात्रवृत्ति हो रही हेराफेरी, रिपोर्ट दर्ज होते ही विभाग के चक्कर लगाने लगे संचालक

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: मदरसों में छात्रवृत्ति हेराफेरी मामले में राजधानी के दर्जनों मदरसे जांच के दायरे मेंं आ गए हैं। दुबग्गा में एक संचालक द्वारा दो मदरसा चलाने की रिपोर्ट मिली। फर्जी दस्तावेज पर मदरसा खोल छात्रवृत्ति हड़प ली गई। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा दुबग्गा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद संचालकों में अफरा-तफरी है। सूची में अपने मदरसे का नाम जानने के लिए दर्जनों संचालक विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राजधानी के दर्जनों मदरसे जांच के दायरे में आ गये हैं। पुलिस आरोपी मदरसा संचालक की तलाश में दबिश दे रही है।

राजधानी में पुराने लखनऊ से लेकर ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों मदरसे संचालित हैं। सर्वाधिक मदरसे चौक, ठाकुरगंज, सआदतगंज, बाजारखाला, वजीरगंज, दुबग्गा, काकोरी, मलिहाबाद, मड़ियांव, पारा, सैरपुर, बीकेटी में हैं। इन मदरसों के आधुनिकिकरण के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं शुरू की। इसी के तहत छात्रवृत्ति वितरण को बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ दिया। इसके बाद भी अधिकारी हेराफेरी रोकने में असफल रहे।

सत्र 2021-22 और 2022-23 में बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति की हेराफेरी की गई। इसमें छात्रों के आवेदन फर्जी नाम व पते पर दिलाए गए। साथ ही खाते भी फर्जी तरीके से खोले गए। फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर केंद्र सरकार के आदेश पर लखनऊ के दो मदरसा संचालकों के खिलाफ दुबग्गा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आरोप है कि उन्नाव के पते पर मदरसा संचालन करने की अनुमति लेकर दुबग्गा में खोल दिया गया। इसमें उन्नाव के छात्रों का फर्जी तरीके से दाखिला करा दिया। उनका डाटा भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के रिकार्ड में दर्ज कराया। जब इस मदरसे की जांच कराई गई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पता चला कि मदरसा दो कमरों में संचालित हो रहा है। दोनों का संचालक उन्नाव का रहने वाला रिजवानुल हक हैं। जांच के दौरान दोनों मदरसे बंद मिले। वहीं, संचालक ने की लोकेशन उन्नाव मिली।

जुटाए जा रहे खाते और अन्य दस्तावेज

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोनू कुमार ने दुबग्गा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इंस्पेक्टर दुबग्गा अभिनव वर्मा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। इंस्पेक्टर ने बताया कि फर्जीवाड़े में प्रयोग किए गए बैंक खातों, मदरसा के प्रवेश के रिकार्ड व अन्य जरूरी दस्तावेज विभाग से मांगे गये हैं। वहीं पुलिस अन्य स्रोतों से भी सारे दस्तावेज जुटा रही है। एक टीम मदरसा संचालक रिजवानुलहक और उसके परिवार के बैंक खातों में हुए लेनदेन की जानकारी जुटा रही है। आरोपी की सर्विलांस से लोकेशन निकाली जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

कर्मचारी भी जांच के दायरे में

इंस्पेक्टर दुबग्गा अभिनव वर्मा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। मदरसों में वितरित की जाने वाली छात्रवृत्ति की हेराफेरी में विभागीय कर्मचारी व अधिकारियों के भी शामिल होने की आशंका हैं। मदरसा संचालक की मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली जा रही है। जिनके आधार पर विभागीय कर्मचारी व अधिकारी से पूछताछ की जा रही है। इंस्पेक्टर ने बताया कि शुरूआती जांच में यह सामने आया कि वर्तमान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यकाल में ही यह हेराफेरी की गई है।

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