UP NEWS: परिषदीय स्कूलों में 8800 ECCE एजुकेटरों की होगी भर्ती, 3-6 साल के बच्चों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः शहरों के तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी छोटे बच्चों (तीन-छह साल) के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिका(प्ले ग्रुप) संचालित होंगे। परिषदीय प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में बालवाटिका कक्षा चलेगी, जिसमें छह साल तक के बच्चो को पूर्व माध्यमिक शक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के सभी 8800 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ (ईसीसीई एजुकेटर) की नियुक्ति होगी। इसके लिए केन्द्रांश के रूप में राज्य सरकार द्वारा एक अरब 13 करोड़ 62 लाख 44 हजार रूपए की स्वीकृत किए गए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आनन्द कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि बाल वाटिका कक्षा के लिए ईसीसीई एजुकेटर संविदा पर सेवा प्रदाता के माध्यम से आबद्ध किए जाएंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र की अध्यक्षता में गठित आठ सदस्यीय समिति निगरानी करेगी।

आवेदक की आर्हता

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रो-बालिवाटिका के लिए प्रति केन्द्र एक ईसीसीई एजुकेटर संविदा पर 11 माह के लिए नियुक्ति होगी, जिसे प्रतिमाह 10 हजार 313 रूपए प्रतिमाह दिया जाएगा। प्रदेश भर में 8800 पदों पर नियुक्ति होनी है, आवेदक की अधिकतम आयु 40 वर्ष, गृह विज्ञान से 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक उत्तीर्ण होना जरूरी है, आरक्षित वर्ग को नियमानुसार अंकों में पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके अलावा नर्सरी अध्यापक शिक्षा, सीटी आदि कम से कम दो वर्ष की अवधि का डिप्लोमा या समकक्ष योग्यता जरूरी है।

मानसिक रूप से स्कूल जाने के लिए तैयार किए जाएंगे छोटे बच्चे

बालवाटिका कक्षा में तीन से छह साल की आयु के बच्चों को औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करना है, बच्चों के भौतिक, मानसिक, सामाजिक संवेगात्मक एवं अकादमिक विकास के लिए वातावरण सृजन करना होगा। बच्चों को रंग, आकार, ध्वनि, वस्तु, वातावरण या पेड़ –पौधे, पक्षी, जानवारों आदि से गतिविधियों का प्रयोग करना होगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्री को बच्चों के साथ अन्य क्रियाकलापों , खेल, नाटक, पिकनिक, क्षेत्र भ्रमण, संगीत आदि कार्य करना है। अभिभावकों के साथ मुख्यत: माताओं के साथ बैठक कर बच्चों की प्रगति से अवगत कराया जाएगा।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चयन समिति 

उप सचिव ने बताया कि जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित होगी समिति। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिव होंगे, जबकि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला सेवायोजन अधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा बतौर सदस्य होंगे। ईसीसीई एजुकेटर के लिए शैक्षिक योग्यता में स्नातक (गृह विज्ञान मुख्य विषय के साथ 50% अंकों सहित) या नर्सरी अध्यापक शिक्षा (एनटीटी), सीटी नर्सरी, डीपीएसई का दो वर्षीय डिप्लोमा या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। आवेदक की आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

10,684 एजुकेटरों की चयन प्रक्रिया जारी

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शिक्षा मंत्रालय ने 10,684 ईसीसीई एजुकेटरों की भर्ती और बजट को मंजूरी दी है। बेसिक शिक्षा विभाग इनके चयन की प्रक्रिया पूरी कर रहा है। इस तरह, नए शैक्षिक सत्र में बाल वाटिका के लिए लगभग 20,000 ईसीसीई एजुकेटर उपलब्ध होंगे, जो बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

ईसीसीई एजुकेटरों के प्रमुख कार्य और दायित्व


- 3 से 6 साल के बच्चों को औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करना।  
- निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 5-6 साल के बच्चों पर विशेष ध्यान देना।  
- अभिभावकों के साथ बैठक कर बच्चों की प्रगति की जानकारी देना।  
- बच्चों के विकास से संबंधित चाइल्ड प्रोफाइल तैयार करना।

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