लखनऊ : डिजिटल माध्यम से इलाज में सहयोग करेंगे कैंसर संस्थान के विशेषज्ञ

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। प्रदेश में कैंसर रोगियों को उनके गृह जनपद में ही वशेषज्ञों की सलाह मिल सके इसके लिए चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान टेलीमेडिसिन शुरू करेगा। इसके माध्यम से विशेषज्ञ आसानी से सीधे मरीजों से जुड़ सकेंगे। वहीं, मरीजों को भी बड़े संस्थानों तक दौड़ लगाने से राहत मिलेगी। यह जानकारी संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने दी।

वह शनिवार को कैंसर टेलीमेडिसिन सेवाओं को मजबूत करने के लिए बैठक को संबोधित कर रहे थे। कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि कैंसर संस्थान को हब एंड स्पोक मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों को टेलीमेडिसिन से जोड़ा जाएगा। डिजिटल माध्यम से कैंसर के इलाज में सहयोग देगा। टेलीमेडिसिन के माध्यम से कैंसर का समय पर पता चल सकेगा। इलाज शुरू हो सकेगा। जिले के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को भी ऑनलाइन ट्रेनिंग और सलाह मिल सकेगी। प्रदेश में एनसीडी की नोडल अधिकारी डॉ. अल्का शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कैंसर के इलाज के लिए 38 डे-केयर सेंटर चिन्हित किए गए हैं। जिनमें 11 सेंटरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा चुका है। इन सेंटरों पर मरीजों को जांच, इलाज, पेन क्लीनिक, रेफरल व जागरुकता जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

ई-संजीवनी पोर्टल से जोड़े

केजीएमयू में टेलीमेडिसिन की नोडल अधिकारी डॉ. शीतल वर्मा ने कहा कि कैंसर संस्थान की सेवा को ई-संजीवनी पोर्टल से जोड़ा जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि केजीएमयू जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को कैंसर इलाज में ट्रेनिंग भी देगा। लोहिया संस्थान में टेलीमेडिसिन की नोडल अधिकारी डॉ. नवबीर ने योजना में सहयोग देने की बात कही।

प्रदेश में बनेगा टेलीमेडिसिन नेटवर्क

कैंसर संस्थान में पब्लिक हेल्थ विभाग के अध्यक्ष व टेलीमेडिसिन के नोडल अधिकारी डॉ. आयुष लोहिया ने कहा कि बीमारी तेजी से बढ़ रही है। संस्थान जल्द ही यूपी सरकार के साथ मिलकर पूरे राज्य में कैंसर के इलाज के लिए टेलीमेडिसिन नेटवर्क शुरू करने की दिशा में काम करेगा। इससे जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के बीच अच्छा संपर्क (रेफरल सिस्टम) बनेगा। इलाज की प्रक्रिया को एक जैसा और बेहतर बनाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी तैयार किए जाएंगे। कार्यक्रम में सात मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और छह जिला अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हुए।

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