लखीमपुर खीरी: अज्ञात वन्यजीव के हमले में घास काटने गये किशोर की मौत

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Published By Pradeep Kumar
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भूखे पेट ही घास काटने गया था सलमान, परिवार की स्थिति बेहद दयनीय

केशवापुर, अमृत विचार। गोला कोतवाल और वन रेंज क्षेत्र के गांव खम्हौल में बुधवार को घास काटने गये 12 वर्षीय बच्चे की किसी जंगली जानवर के हमले में मौत हो गई। काफी खोजबीन के बाद मिले शव को गोला पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। शव पर वन्यजीव के हमले के गहरे घाव मिले हैं।

खम्हौल गांव निवासी रवी उर्फ सरदार खां का 12 वर्षीय पुत्र सलमान पालतू व कमाऊ घोडी के लिए घर से दोपहर दो बजे भूखे पेट अकेला घास काटने गया था। सलमान जब शाम तक घर नही आया तब परिजनों ने खोजबीन शुरू की। गांव की मस्जिद से बच्चे की गुमशुदगी का अनाउंसमेंट किया गया। तमाम ग्रामीणों की मदद से काफी खोजबीन की गई, तब रात्रि 11 बजे गांव से कुछ दूरी पर रहमान ईंट भठ्ठे के पीछे कच्ची ईंटों के फड़ से सलमान का शव मिला। शरीर पर किसी वन्यजीव के दांतां के अनगिनत निशान मिले। परिजनों की सूचना पर मौके पर पहुंची गोला थाने की पुलिस और वन विभाग की टीम ने जांच पड़ताल कर शव को सीलकर   पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है।

बेहद गरीब परिवार का बड़ा बेटा था सलमान
मृतक सलमान के पिता रवी उर्फ सरदार खां के पास कृषि भूमि नहीं है। मकान की स्थिति भी दयनीय है। कुछ वर्षों पहले मिले प्रधानमंत्री आवास के आगे पड़े टूटे-फूटे छप्पर परिवार की स्थिति बयां करते हैं। रवी उर्फ सरदार खां, पत्नी सबीना के चार बच्चों में दो बेटी और दो बेटे सायबा (13), सलमान (12), अरबाज (6) और साइमा (3) हैं। बेटा सलमान अपने भाई बहनों में दूसरे नम्बर का था। परिवार का भरण पोषण मेहनत मजदूरी से ही चलता है। पिता घोड़ागाड़ी से ईंट भठ्ठे पर दैनिक मजदूरी करते हैं, उसी से रोजाना का खाना पानी चलता है।

पिता के कार्यों में हाथ बंटाने के साथ पढ़ाई भी करता था सलमान
सलमान घरेलू कार्यों में अपने पिता का सहयोग के साथ पढ़ाई भी करता था। बहन सायबा कक्षा 7 और सलमान कक्षा 6 में गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़़ने जाता था। र् इस हृदय विदारक घटना के बाद बहन सायबा काफी दुखी है। उसने रो रोकर बताया कि अब उसे अकेले ही पढ़ने जाना पड़ेगा।

जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम को रात को ही मौके पर भेजा था। मौके पर किसी बड़े वन्यजीव के पैरों के निशान नहीं मिले हैं। शरीर पर बने दांतों के निशान किस वन्य जीव के हैं। यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हो जायेगा। यदि वन्यजीव से मौत की पुष्टि होती है तो आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी। -संजीव कुमार तिवारी वन क्षेत्राधिकारी गोला।

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