UP News: प्राथमिक स्कूलों के विलय मामले में फैसला सुरक्षित

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्राइमरी स्कूलों का विलय करने के विरुद्ध दाखिल याचिकाओं में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सीतापुर की कृष्णा कुमारी समेत 51 स्कूली बच्चों व अन्य रिट याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी करते हुए, फैसला सुरक्षित किया है। याचियो की ओर से विलय के राज्य सरकार के इस फैसले को शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन बताया गया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से स्कूलों के बेहतर प्रबंधन की दलील दी गई है।

आपको बता दें कि सीतापुर के 51 स्कूली बच्चों ने पहली याचिका दायर की है, जबकि इसी मामले में एक अन्य याचिका भी दाखिल हुई है। इन याचिकाओं में 16 जून को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें प्राथमिक स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में विलय करने का प्रावधान है। याचियों का कहना है कि यह आदेश मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून का उल्लंघन करता है। उन्होंने मर्जर से छोटे बच्चों के लिए स्कूलों की दूरी बढ़ने की समस्याएँ भी उठाई हैं।

याचिकाओं में मर्जर प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं, राज्य सरकार ने याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि विलय का निर्णय संसाधनों के बेहतर उपयोग और बच्चों के हित में लिया गया है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया और मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने पक्ष रखा, जबकि याचियों की ओर से अधिवक्ता डॉ. एल.पी. मिश्र और गौरव मेहरोत्रा ने दलीलें दीं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिवक्ता भी मौजूद रहे। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की है।

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