UP : छात्रवृत्ति के लिए बन रहा एकीकृत पोर्टल और डिजिटल निगरानी तंत्र

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार । प्रत्येक पात्र छात्र को छात्रवृत्ति पाने का पूर्ण अधिकार है, इस मंत्र के साथ योगी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के विजन को साकार करने में जुटी है। सभी विभागों से मिलने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं से जुड़े 18 प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार हो रही है। इसके लिए जल्द ही एकीकृत पोर्टल और डिजिटल निगरानी तंत्र विकसित होगा। पोर्टल पर आवेदन से लेकर छात्रवृत्ति वितरण तक में पारदर्शिता व समयबद्धता लाकर समस्याओं का स्थाई समाधान होगा।

समाज कल्याण विभाग को नोडल बनाकर अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभागों के मिलकर छात्रवृत्ति योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए व्यापक सुधार करने में जुटा है। 18 प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत योजना बन रही है। इनमें अनिश्चितता, प्रत्येक वर्ष नए आवेदन की बाध्यता, विलंबित परीक्षा परिणाम, विभिन्न वर्गों के लिए अलग-अलग मानक, निजी विश्वविद्यालयों द्वारा स्वतः फीस निर्धारण, निगरानी तंत्र की कमी, फेल्ड ट्रांजेक्शन और प्रदेश के बाहर पढ़ने वाले छात्रों की समस्याएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, एकीकृत पोर्टल को और सक्षम बनाने, फैमिली आईडी से जोड़ने और सूचना के अभाव को दूर करने जैसे मुद्दों पर भी आपस में समन्वय बनाया जा रहा है।

रियल टाइम नोटिफिकेशन और ऑनलाइन जांच

छात्रवृत्ति प्रणाली को तकनीकी रूप से उन्नत करने के लिए एक आधुनिक एकीकृत पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें मोबाइल ऐप, रियल टाइम नोटिफिकेशन और दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच जैसी सुविधाएं रहेंगी। छात्रों की वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए फेस रिकॉग्निशन आधारित प्रणाली भी लागू की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े पर पूर्ण रोक लगेगी।

पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर : असीम अरुण

समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा स्पष्ट है कि कोई भी पात्र छात्र धन की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। हम छात्रवृत्ति योजनाओं को और सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि नियमावली में शीघ्र सुधार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिल सके। एकीकृत पोर्टल और डिजिटल निगरानी तंत्र की स्थापना से आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा, जिससे फेल्ड ट्रांजेक्शन और देरी जैसी समस्याएं समाप्त होंगी।

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