निजीकरण पर नियामक आयोग जल्द देगा comprehensive report, हो रहा पावर कॉर्पोरेशन की अंतरिम रिपोर्ट का इंतजार

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार। ऊर्जा निगमों के निजीकरण पर राज्य विद्युत नियामक आयोग जल्द वृहद रिपोर्ट देगा। आयोग उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को भेजे गये अंतरिम रिपोर्ट के जवाब के इंतजार में है। इस बीच, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा कि निजीकरण के मुद्दे पर राज्य सरकार व पावर कॉरपोरेशन की ओर से विद्युत अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में इस प्रकरण में केंद्र सरकार के महाधिवक्ता से राय लेने की जरूरत है।

बीते माह आयोग ने निजीकरण पर अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को भेजी थी, जिसमें आयोग ने कई वित्तीय खामियां उठाई थीं। इस पर सरकार की ओर से अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इस बीच, उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि निजीकरण का पूरा मसौदा असंवैधानिक है, अगर केंद्र सरकार के महाधिवक्ता से इस पर राय ले ली जाय, तो उपभोक्ता परिषद के आरोप सच साबित होंगे। उन्होंने कहा कि पूरा मसौदा निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि निजीकरण के लिए बनने वाली पांच नई बिजली कंपनियों की रिजर्व विद प्राइस 6500 करोड़ आंकना पूरी तरह भ्रष्टाचार का मामला है। अगर इसका सही आकलन कराया जाय तो यह 10,000 करोड़ से ऊपर होगी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बिड प्राइस को कम आंकने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

निजीकरण के लिए नियुक्त सलाहकार कंपनी

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि निजीकरण का पूरा मसौदा बनाने वाली सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉनर्टन पहले से विवादों के घेरे में है। अमेरिका में इस कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था। इस कंपनी को निजीकरण का कोई भी ज्ञान नहीं है। यह राजमार्ग का काम करने वाली सलाहकार कंपनी है, पर इसे बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए सलाहकार का कार्य दिया गया है।

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