शाहजहांपुर : शिष्या की मां की हत्या करने वाले शिक्षक को आजीवन कारावास

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Published By Pradeep Kumar
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शिष्या पर भी किया था जानलेवा हमला, कुरान पढ़ाने आता था हत्यारा

शाहजहांपुर, अमृत विचार: शिष्या पर जानलेवा हमला करने और उसकी मां की हत्या करने के दोषी शिक्षक को कोर्ट ने दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपी शिष्या के घर कुरान की शिक्षा देने आता था। इसी दौरान उसने छात्रा के साथ गलत हरकत कर दी थी। जिस पर किशोरी के परिवार वालों ने आरोपी का घर आना बंद कर दिया था। इसी से नाराज होकर आरोपी ने अपने भाई व अन्य आरोपियों के साथ दिन-दहाड़े छात्रा के घर में घुसकर हमला किया था। उसने किशोरी की मां की हत्या कर दी थी और किशोर को घायल कर दिया था। अब कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।

यह दिल दहला देने वाली घटना महानगर के मोहल्ला फत्तेपुर रेती की है। जहां रहने वाले फहीम अहमद के परिवार पर 17 जून 2022 को कयामत टूटी थी। फहीम की ओर से थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया कि 17 जून 2022 को वह अपने निजी कार्य से कचहरी गए हुए थे। घर पर उसकी पत्नी सायमा फहीम, 16 वर्षीय बेटी इलमा फहीम और 10 वर्षीय बेटा सुबहान मौजूद थे। लगभग दोपहर 2:30 बजे जब सायमा नमाज अदा कर रही थीं, तभी मोहल्ले का रहने वाला दाऊद अपने तीन भाइयों सलीम, सैफ, सलमान और दो अन्य अज्ञात लोगों के साथ घर में घुस आया। दाऊद के हाथ में कुल्हाड़ी और अन्य आरोपियों के पास रॉड और छुरियां थीं। दाऊद ने घुसते ही कहा कि मां-बेटी दोनों को मार दो। फिर नमाज पढ़ रही सायमा के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी इलमा को जबरन ले जाने की कोशिश करने लगे। जब लड़की ने मना किया तो उसे भी बेहद बेरहमी से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इलाके के लोगों ने शोर सुनकर पहुंचकर हमलावरों को भागने पर मजबूर कर दिया। घायल इलमा और मृत पत्नी को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां सायमा को मृत घोषित कर दिया गया। 

तीन धाराओं में दोहरे आजीवन कारावास की सजा
इस हृदयविदारक घटना की रिपोर्ट फहीम अहमद द्वारा थाना पर दर्ज कराई गई। पुलिस ने मुकदमा संख्या 257/2022 के तहत दाऊद व अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307, 452, 147, 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया। विचारण के दौरान अभियुक्त दाऊद की भूमिका को पूर्व नियोजित और अत्यंत क्रूर बताया गया। जिसके बाद कोर्ट ने धारा 302 (हत्या) के लिए कठोर आजीवन कारावास और 1,00,000 का जुर्माना, न भरने पर 3 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा 307 (हत्या का प्रयास) के लिए कठोर आजीवन कारावास और 50,000 का जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त कारावास दोषी को भुगतना होगा। धारा 452 (गृह-अतिचार) के लिए 7 वर्ष का कारावास और 25,000 का जुर्माना, न भरने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अपराध पूर्व नियोजित था और शिक्षक-शिष्या की मर्यादा को कलंकित करने वाला था। ऐसे अपराधियों को समाज में खुला छोड़ना महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।

शिक्षक बना दरिंदा, न्याय ने दिया कड़ा संदेश
यह मामला उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो शिक्षक का चोला ओढ़कर कुछ लोग अपनी वासनात्मक मानसिकता को परवान चढ़ाने की कोशिश करते हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि दाऊद का कृत्य घृणित, अमानवीय और विश्वासघातपूर्ण था। ऐसे शिक्षकों को कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जानी चाहिए। यह फैसला न केवल एक परिवार को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि धर्म, शिक्षा और रिश्तों की आड़ में छिपे अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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