बाराबंकी: गांव के बाहर युवक का शव रखकर विरोध प्रदर्शन, पुलिस की लापरवाही पर भड़के परिजन
बाराबंकी, अमृत विचार। मसौली थाना क्षेत्र के ग्राम कजियापुर मजरे मोहम्मदपुर बाहूं में हुई एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही से परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। परिजनों का आरोप है कि हत्या जैसी गंभीर वारदात की तहरीर मिलने के 24 घंटे बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जिससे नाराज परिजनों ने शव को गांव के बाहर रखकर प्रदर्शन किया और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया।
बताते चलें कि रविवार को 30 वर्षीय श्यामू यादव पुत्र स्व. मनीराम को गांव के ही कुछ युवक बुलाकर ले गए थे। कुछ घंटे बाद श्यामू को अचेत अवस्था में गांव के बाहर खड़ंजे पर छोड़कर वह युवक फरार हो गए। परिजन श्यामू को तत्काल सीएचसी बड़ागांव ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के बड़े भाई सोहनलाल ने कजियापुर निवासी द्वारिका उर्फ नक्का, बदोसराय थाना क्षेत्र के ग्राम रमसहाय निवासी सुशील व मौजा गांव निवासी कल्लू वर्मा पर श्यामू की गला दबाकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए मसौली थाने में नामजद तहरीर दी थी।
आरोप है कि तहरीर देने के 24 घंटे बाद तक भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टा एफआईआर दर्ज होने की झूठी जानकारी देकर परिजनों को गुमराह किया। सोमवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव गांव पहुंचा, परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।
मृतक की मां और बहनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और एफआईआर की कॉपी मिलने तक अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया और शव को गांव के बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस पर आरोपियों को बचाने के गंभीर आरोप भी लगाए गए।
स्थिति बिगड़ती देख इंस्पेक्टर मसौली सुधीर सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया। उन्होंने तत्काल मुकदमा दर्ज कर एफआईआर की पीडीएफ कॉपी मोबाइल पर मंगवाकर परिजनों को सौंपी तथा शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए।
