मुख्यमंत्री का चला हंटर, तीन लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई
लखनऊ, अमृत विचार । लापरवाह सरकारी अधिकारियों को चिन्हित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर हंटर चलाया है। नियमों की अनदेखी, अनुशासनहीनता और लापरवाही के मद्देनजर नगर विकास विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया है। शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर व अलीगढ़ के नगर निकायों में अलग-अलग मामलों में किसी को कारण बताओ नोटिस दी गई तो किसी पर विभागीय अनुशासनिक जांच बैठायी गई है।
शाहजहांपुर में नगर पंचायत अध्यक्ष ने ऑडियो-वर्चुअल तरीके से बैठक में हिस्सा लेकर अनुशासन का उल्लंघन किया। जबकि मुजफ्फरनगर में महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के बाद आदेशों की अवहेलना पर कर निर्धारण अधिकारी पर कार्रवाई की गई। इसी तरह, अलीगढ़ में उप नगर आयुक्त की लापरवाही और कार्य से दूरी बनाए रखने पर जांच के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नगर पंचायत कांट (शाहजहांपुर) की अध्यक्ष मुनरा बेगम अपने स्वास्थ्य कारणों को कारण बताकर 27 फरवरी 2024, 3 सितंबर 2024, 23 नवंबर 2024, 27 जनवरी 2025 तथा 7 अप्रैल 2025 को 14 बोर्ड बैठकों में सशरीर उपस्थित नहीं रहीं। इसके बदले उन्होंने रईस मियां को ऑडियो कॉल द्वारा वर्चुअली बैठकों में प्रतिनिधि के रूप में प्रतिभाग कराने का माध्यम चुना, जो नगर पालिका अधिनियम, 1916 में मान्य नहीं है। मुख्य विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट को जिलाधिकारी शाहजहांपुर ने शुक्रवार को शासन के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन करार दे दिया गया है। इस संबंध में अध्यक्ष के खिलाफ कारण बताओ नोटिस के साथ ही नियमानुसार कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
वहीं, नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर के कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार के खिलाफ उच्चाधिकारियों के प्रति अनुचित व्यवहार व आदेशों की अवहेलना करने, सार्वजनिक कार्यों को ठप करने तथा महिला अधीनस्थ अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे हैं। पुलिस अधिनियम-1966 और अनुशासन व अपील नियमावली 1999 के तहत अपर आयुक्त (प्रशासन), सहारनपुर मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त कर, विभागीय अनुशासनिक जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इसी तरह, नगर निगम अलीगढ़ में उप नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह बिना किसी अनुमति कार्यालय से अनुपस्थित रहे। गृहकर वसूली, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गमन, अतिक्रमण, सफाई-प्रवर्तन और आईजीआरएस से संबंधित उनकी जिम्मेदारियों में उन पर लापरवाही बरतने का आरोप है। इन गंभीर आरोपों को देखते हुए अपर आयुक्त (प्रशासन), अलीगढ़ मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच के आदेश दिए गए हैं। यह कार्रवाई राज्य शासन की सेवा नियमावली 1966 और अनुशासन नियम 1999 के तहत की गई है।
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