शहर में कैसे हो निर्बाध बिजली आपूर्ति, जब क्षेत्रों में खुले पड़े कटे अंडर ग्राउंड केबल तार
लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति कराने के लिए पावर कॉरपोरेशन की ओर से उठाए गए तमाम कदमों को कटे पड़े अंडरग्राउंड केबिल तार, पेड़ों की टहनियों से लिपटे ट्रांसफार्मर और जर्जर बिजली के खंभे पानी फेर रहे है। हालात यह है कि यही ट्रांसफार्मर, बिजली के खंभे और केबिल तार दुर्घटना को न्यौता देने के साथ घंटो सप्लाई के बाधित होने का कारण भी बन रहे है। वहीं दूसरी तरफ घंटो सप्लाई बाधित होने से विभाग को करोड़ो रुपए के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
वहीं बारिश और जमे पानी में इन कटे तारों और बिजली के खंभो में करंट उतरने की आशंका भी बनी हुई है। राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रांसफार्मरों पर लिपटी पेड़ों की लताएं, झुके और जर्जर बिजली के पोल सहित अंडरग्राउंड केबिल के कटे खुले तार सड़कों पर पड़े है। इसके कारण क्षेत्रों में शार्ट सर्किट की घटनाएं आए दिन होने के साथ घंटो सप्लाई बाधित हो रही है। वहीं कई इलाकों में ट्रांसफार्मरों के डीपी बॉक्स में खुले तार पड़े हुए है, जिसकी चपेट में आने से कई लोग करंट की चपेट में घायल तक हो चुके है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।
बारिश में करंट फैलने का खतरा अधिक
राजधानी में हो रही बारिश के दौरान करंट फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। मडियांव चौराहा के पास कटा पड़ा अंडर ग्राउंड केबिल कटा पड़ा है। यहीं से सैकड़ों की तादाद में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इधर से गुजरते हैं। साथ ही कई लोग इस चौराहे के पास ठेला लगाते हैं। ऐसे में यहां जानवरों का जमावड़ा भी दिनभर लगा रहता है। ऐसे में बारिश के दौरान लोगो के करंट लगने के साथ और जानवरों के चिपकने की संभावना बनी हुई है।
गोमतीनगर के विवेक खंड में लगा ट्रांसफार्मर और डीपी से खतरा
गोमतीनगर विवेक खंड के मुख्य मोड़ पर लगा ट्रांसफार्मर और डीपी बॉक्स को पेड़ो की लताओं ने घेर रखा है। इस मार्ग पर सबसे अधिक यहां से गुजरते है। ऐसे में खुले तारों के कारण खतरा ज्यादा बना हुआ है। क्षेत्र में बारिश के पहले ही मेंटीनेंस के दौरान घंटों बिजली कटौती भी की गई। फिर भी खुले तारों से यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
मुख्य अभियंता ट्रांसगोमती बीपी सिंह ने शिकायत मिलने पर केबिल तार से लेकर बिजली के खंभे सहित सभी मेंटीनेंस के काम कराकर समस्या को दूर करा दिया जाता है। ट्रांसफार्मर के आसपास और पेड़ों की कटाई-छटाई भी की जाती है। बारिश के समय में अधिक सर्तकता बरतते हुए सभी तरह के मेंटीनेंस काम को तेजी से कराने के लिए निर्देश दिए जा चुके है।
