पीलीभीत: रेस्क्यू ऑपरेशन...72 घंटे बीतने के बाद नहीं मिल सकी हमलावर बाघिन की लोकेशन
पीलीभीत, अमृत विचार। न्यूरिया क्षेत्र में दहशत का पर्याय बनी हमलावर बाघिन वन महकमे के लिए मुसीबत बनती जा रही है। 72 घंटे बीतने के बाद भी हमलावर बाघिन की कोई लोकेशन न मिलना वन अफसरों की चिंता बढ़ा रहा है। उन्हें डर है कि बाघिन कहीं कोई अन्य घटना को अंजाम न दे डाले।
फिलहाल वन महकमे की टीमें गांव-गांव जाकर खेत-खलिहान समेत बागों में बाघिन की तलाश में जुटी हुई है, मगर रविवार शाम तक हमलावर बाघिन का कही कोई अता-पता नहीं चल सका। इधर बीती रात तीन स्थानों पर ट्रैप एनिमल के माध्यम से बाघिन को पकड़ने का ताना-बाना बुना गया, मगर सुबह तक बाघिन तीन स्थानों पर झांकने भी नहीं पहुंची।
जनपद के न्यूरिया क्षेत्र में बीते 9 जून से बाघिन का आंतक जारी है। गांव मेवातपुर, सहजनिया, फुलहर, टाह, महेशपुर, औरेया समेत कई गांवों में बाघिन की चहलकदमी से की दहशत फैली हुई है। अकेले न्यूरिया क्षेत्र में बाघिन अब तक तीन इंसानों को निवाला बना चुकी है, जबकि दो घायल हो चुके हैं। इसमें गंभीर रूप से घायल हुई महिला का इलाज लखनऊ में चल रहा है।
बाघिन के ताबड़तोड़ हमलों का मामला शासन स्तर पर भी संज्ञान लिया गया, जिसके बाद अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (टाइगर प्रोजेक्ट) ललित वर्मा, मुख्य वन संरक्षक बरेली वृत्त पीपी सिंह, फील्ड डायरेक्टर रमेश चंद्रा को हमलावर बाघिन के न पकड़े जाने पीलीभीत में ही कैंप करने को निर्देशित किया गया है।
इधर हमलावर बाघिन को पकड़ने के लिए वन महकमे की टीमें लगातार प्रयास में जुटी हुई है। वन महकमे को पकड़ने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं वन एवं वन्यजीव प्रभाग के करीब 200 वनकर्मी, 10 निगरानी टीमें, चार हाथी, दो ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट लगाए गए हैं, इसके बावजूद बाघिन की सटीक लोकेशन नहीं मिल पा रही है।
हमलावर बाघिन को पकड़ने के लिए वन महकमे की ओर से बीती रात गांव मंडरिया, महेशपुर और डंडिया गांव में जाल बिछाया गया था। इन तीनों स्थानों पर ट्रैप एनिमल के माध्यम से बाघिन को पकड़ने की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन रविवार सुबह तक बाघिन इन तीनों स्थानों पर झांकने तक नहीं पहुंची।
गांव-गांव ट्रेंकिग टीमें खोज रहीं बाघिन के निशान
हमलावर बाघिन को पकड़ने के लिए वन महकमा रात दिन लगा हुआ है। इधर बाघिन की कोई सटीक लोकेशन न मिलने पर अब महकमे ने न्यूरिया क्षेत्र के संभावित गांवों में ट्रेकिंग टीमों को लगाया गया है। टीमें गांव-गांव जाकर खेत-खलिहानों और बागों आदि में जाकर बाघिन की तलाश में जुटी हुई है। इसके साथ ही टीमें ग्रामीणों को भी जागरूक करने में लगी हुई है। वहीं पुलिस की टीमें भी वन महकमे के साथ लगी हुई हैं।
बाघिन को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जारी है। बाघिन की लोकेशन को लेकर हर संभव स्थान पर कॉम्बिंग की जा रही है। साथ ही ग्रामीणों के सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की भी मदद ली जा रही है। बाघिन को जल्द रेस्क्यू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। - मनीष सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व।
