ऐतिहासिक जीत के साथ शतरंज विश्वकप के फाइनल में दिव्या देशमुख, अगले साल होने वाले Candidates Tournament के लिए भी किया क्वालीफाई
बातुमी, जॉर्जिया। अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन की तीसरी वरीयता प्राप्त तान झोंगयी को 101 चाल में शिकस्त देकर फिडे महिला शतरंज विश्वकप के फाइनल मुकाबले में जगह बना ली और इसी के साथ उन्होंने अगले साल कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई भी कर लिया है। 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने बुधवार को खेले गये फिडे महिला विश्वशतरंज कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन को 1.5-0.5 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
इससे पहले भारतीय खिलाड़ी दिव्या ने दूसरी वरीयता प्राप्त झू जिनर और अपनी उच्च रैंकिंग वाली हमवतन हरिका द्रोणावल्ली को हराया था। फिडे ओलंपियाड में व्यक्तिगत और टीम स्वर्ण पदक जीतने के एक साल बाद, दिव्या का विश्वकप फाइनल तक का सफर उनके अब तक के शानदार करियर में एक और उपलब्धि है। इस जीत के उन्होंने अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।
वह इस टूर्नामेंट में खेलने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी होंगी। महिला विश्वकप के तीसरे संस्करण में 15वीं वरीयता प्राप्त दिव्या सबसे कम उम्र की फाइनलिस्ट हैं। वह नूरग्युल सलीमोवा से एक साल छोटी। दिव्या, सलीमोवा के साथ महिला विश्वकप फाइनल में जगह बनाने वाली एकमात्र अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स खिलाड़ी भी बन गई हैं।
दूसरे सेमीफाइनल में भारतीय शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने 75 चाल में चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ ड्रॉ खेला। हम्पी अब लेई के खिलाफ टाई-ब्रेकर खेलेंगी, जिसमें फाइनल खेलने वाले दूसरे प्रतिद्वंद्वी का फैसला होगा। फाइनल मुकाबला 28 जुलाई को खेला जायेगा।
