2019 से 2025 के बीच राजधानी में डूबने की घटनाओं में विदेशियों सहित 352 लोगों की मौत

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Published By Muskan Dixit
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तिरुवनंतपुरम। केरल की राजधानी जिले में 2019 से 2025 के बीच डूबने की घटनाओं में 352 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें बच्चे और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। यह जानकारी राज्य अग्निशमन एवं बचाव विभाग के आंकड़ों से सामने आई है। इन दुखद घटनाओं को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने विश्व डूबना रोकथाम दिवस के अवसर पर एक राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य डूबने की घटनाओं को रोकना है। आंकड़ों के अनुसार, डूबने की घटनाओं में अधिकांश पीड़ित युवा लड़के हैं, और कई बार कुशल तैराक भी इन हादसों का शिकार हो चुके हैं। 

इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने स्कूलों में जल सुरक्षा और डूबने से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। ज़िला कलेक्टर अनु कुमारी ने बताया कि “जीवनम - जल के साथ सतर्कता” के संदेश के साथ इस अभियान को सोशल मीडिया के माध्यम से और व्यापक किया जाएगा। इस पहल का लक्ष्य जल सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना और ऐसी त्रासदियों को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाना है। 

प्रशासन ने ज़िले में 16 ऐसे स्थानों की पहचान की है, जहां डूबने का जोखिम अधिक है। इनमें कल्लार, कोल्लम पूझा, अरुविप्पुरम, मनकायम, चेलान्ची, पालोड, अरुविक्करा बांध, वट्टियूरकावु अयिरवल्ली थंपुरन मंदिर कदवु, नेय्यर जलाशय, मूनाट्टुमुक्कू, आनंदेश्वरम, पूवनपारा, कुंडमंकादावु, कूवक्कुडी ब्रिज, अरुविप्पुरम और पोझिक्कारा शामिल हैं। इन क्षेत्रों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत खतरनाक स्थानों के रूप में घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें अग्निशमन एवं बचाव सेवाएं, पर्यटन विभाग और स्थानीय स्व-शासन संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। 

इसके तहत पूरे साल विभिन्न उपाय किए जाएंगे, जैसे चेतावनी बोर्ड लगाना, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाना, और जल सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करना। इन जोखिम वाले स्थानों पर लाइफगार्ड तैनात करने और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की योजना भी बनाई जा रही है। साथ ही, अग्निशमन और बचाव विभाग द्वारा स्कूलों और जल से संबंधित कार्य करने वाले लोगों के लिए जागरूकता सत्र और लाइव प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

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