SGPGI : हार्ट ट्रांसप्लांट की तैयारी में डॉक्टर, तैयारियां पूरी, दूसरे प्रदेश से आएगा दिल, UP में नहीं मिला

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में जल्द ही हार्ट ट्रांसप्लांट की शुरुआत होने जा रही है। कार्डियोवैस्कुलर एंड थोरेसिक सर्जरी (CVTS) विभाग ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

 विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एसके अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में उपयुक्त दाता नहीं मिलने के कारण अब तक ट्रांसप्लांट में देरी हो रही थी, लेकिन अब दूसरे प्रदेश से हार्ट उपलब्ध हो गया है। इससे जल्द ही SGPGI में हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाएगा। 

SGPGI के 38वें स्थापना दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. अग्रवाल ने कहा, "हमें जीवन की कीमत समझनी चाहिए। हमारे पास तीन मरीज हैं, जिन्हें तत्काल हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है।" उन्होंने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट तब जरूरी हो जाता है, जब दिल की बीमारी इतनी गंभीर हो जाए कि दवाएं या अन्य इलाज प्रभावी न रहें। डॉ. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि हार्ट ट्रांसप्लांट, लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट से अलग है। लिवर और किडनी के लिए जीवित व्यक्ति अंगदान कर सकता है, लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए केवल ब्रेन डेड या कैडेवरिक डोनर का हार्ट ही उपयोग किया जा सकता है। 

उन्होंने बताया है कि SGPGI में हार्ट ट्रांसप्लांट की लागत अन्य संस्थानों की तुलना में काफी कम होगी। मात्र 5 से 10 लाख रुपये में यह सुविधा उपलब्ध होगी। एसजीपीजीआई के डॉक्टरों का यह कदम उत्तर प्रदेश में हृदय रोगियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।

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