पीलीभीत: प्रसव के दूसरे दिन डिस्चार्ज पर गुस्साया परिवार, बोले: साढ़े तीन हजार रुपये लिए और की गई अभद्रता
पीलीभीत, अमृत विचार: जिला महिला अस्पताल में मरीजों से दुर्व्यव्हार से जुड़ा एक और मामला सामने आया। प्रसव के बाद दूसरे ही डिस्चार्ज की गई महिला के परिजन ने गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि स्टाफ ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनको जबरन बाहर निकाल दिया। इसके अलावा डिलीवरी के बाद रुपये भी लिए गए थे। करीब पौन घंटे तक हंगामा चला।
सुनगढ़ी क्षेत्र के ग्राम सड़ा गौटिया चिड़ियादाह के रहने वाले संजीव कुमार मजूदरी करते हैं।उनकी पत्नी विमला देवी (20) गर्भवती थीं। प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकत्री की मदद से प्रसूता को मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित जिला महिला अस्पताल में मंगलवार सुबह भर्ती कराया गया था। वहां पर उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया। आरोप है कि दूसरे ही दिन कुछ स्वास्थ्यकर्मी आए और परिवार वालों से अभद्रता की जाने लगी। यह दबाव बनाया गया कि वह विवाहिता और बच्ची को लेकर अब डिस्चार्ज कराकर घर चली जाए। अस्पताल में बेड खाली न होने की बात कही गई। जब उन्होंने कारण पूछा तो आरोप है कि महिला पुलिस बुलाकर बंद कराने की धमकी दे डाली।
इसके बाद शाम करीब पांच बजे जबरन प्रसूता व उसके परिवार को नवजात बच्ची समेत जबरन डिस्चार्ज करके बाहर बैठा दिया गया। इसकी जानकारी मिलने पर प्रसूता के परिवार वाले भी पहुंच गए और महिला अस्पताल के कर्मचारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए हंगामा किया। उनका कहना था कि उनसे हर कोई अभद्रता करता रहा। बेड खाली न होने की बात कहकर डिस्चार्ज किया गयार जबकि उनकी मानें तो कई बेड खाली थे। करीब पौन घंटे तक प्रसूता बच्ची को गोद में लिए अपनी सास व अन्य परिजन संग महिला अस्पताल के गेट पर ही बैठी रही। इसके बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो परिजन कर्मचारियों के व्यवहार पर नाराजगी जता एंबुलेंस से घर चले गए। उधर, सीएमएस बैठक में होने की बात कहकर टाल गए।
बोली: आशा ने डॉक्टर के नाम पर लिए साढ़े तीन हजार रुपये
महिला अस्पताल से जबरन डिस्चार्ज करने का आरोप लगाते हुए प्रसूता की सास नन्हीं देवी ने कई आरोप लगाए। उनका कहना था कि जो आशा उनको अस्पताल लेकर आई थी। उसने जब बच्ची का जन्म हुआ, उसके कुछ देर बाद आकर डॉक्टर के नाम पर रुपये भी लिए। करीब साढ़े तीन हजार रुपये डॉक्टर के नाम पर आशा को दिए गए थे। इसके अलावा नर्स को अपनी मर्जी से उन्होंने 200 रुपये की न्योछावर दी थी। ये भी आरोप लगाए कि जब बुधवार को जबरन डिस्चार्ज किया गया और आशा को कॉल की गई तो उसने आने से मना कर दिया। इतना ही नहीं आशा का पति कॉल पर धमकाता रहा। महिला के हंगामा करने के दौरान तमाम लोग जमा रहे।
